Last Updated: Monday, June 11, 2012, 21:30

नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि उसने 2011-12 में मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को ऋण देने के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक की तय ऋण सीमा का उल्लंघन किया। यही नहीं सार्वजनिक क्षेत्र के इस बैंक ने रिलायंस को ऋण देने की इस सीमा को लगातार चौथे वित्तवर्ष में लांघा है।
एसबीआई ने 31 मार्च 2012 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की दो कंपनियों . इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी) तथा भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स (भेल) को भी निर्धारित ऋण सीमा से अधिक धन दिया।
देश के इस सबसे बड़े बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इस उल्लंघन को फौरी या अस्थायी बताते हुए कहा है कि इन तीनों कंपनियों को दिया गया धन 31 मार्च, 2012 को वित्त वर्ष समाप्त होने के समय निर्धारित सीमा में कर दिया गया था।
साल के दौरान एसबीआई ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को निर्धारित सीमा से लगभग 500 करोड़ रपये अधिक ऋण दिया तो आईओसी के मामले में यह राशि 4,000 करोड़ रुपये तथा भेल के मामले में 3,000 करोड़ रुपये रही।
हालांकि साल के अंत में एसबीआई की इन कंपनियों की ओर कुल राशि क्रमश: 6,867.32 करोड़ रुपये, 24,374.33 करोड़ रु तथा 13,522.21 करोड़ रु थी। रिजर्व बैंक का नियम है कि कोई बैंक किसी एक ही कर्जदार को अपने पूंजीकोष के 15 प्रतिशत से अधिक ऋण नहीं दे सकता। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 11, 2012, 21:30