Last Updated: Monday, August 26, 2013, 00:15
नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ ने रविवार को यहां केवल दो या इससे अधिक साल तक सजायाफ्ता व्यक्तियों को चुनावों से दूर रखने का फैसला करके राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के आरोपी व्यक्तियों के लिये चुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने की कोशिश की। आईओए ने अपनी आम सभा की महत्वपूर्ण बैठक में इसके साथ ही भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों के लिये नैतिक आयोग के गठन का भी फैसला किया जिसके सभी सदस्य स्वतंत्र होंगे।
आईओए अधिकारियों ने संशोधित मसौदा संविधान में आरोपपत्र वाले नियम का कड़ा विरोध किया और प्रस्ताव रखा कि केवल सजायाफ्ता व्यक्ति पर ही यह लागू होना चाहिए। इसका मतलब है कि जिन्हें अदालत ने दो या इससे अधिक साल की जेल की सजा सुनायी है वही चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। आईओए की कई घंटों तक चली विशेष आम सभा की बैठक के इन प्रस्तावों को यदि आईओसी स्वीकार कर देती है तो फिर सुरेश कलमाड़ी, ललित भनोट और वी के वर्मा जैसे व्यक्तियों के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो जाएगा क्योंकि उन पर राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के मामले में आरोपपत्र दाखिल किये गये हैं। आईओसी ने 15 अगस्त को जो संशोधित मसौदा संविधन भेजा उसके बाकी सभी संशोधन स्वीकार कर लिये गये हैं। बैठक की अध्यक्षता कर रहे कैनोइंग एवं कयाकिंग संघ के अध्यक्ष एस रघुनाथन ने बाद में संवाददाताओं से कहा, बैठक में 182 में से 161 सदस्यों ने भाग लिया और सभी फैसले सर्वसम्मति से किये गये। हमने आईओसी के आरोपपत्र वाली शर्त को छोड़कर बाकी सभी शर्तें स्वीकार कर ली है। हमने इसमें कुछ बदलाव किया है अब दो साल या इससे अधिक समय तक सजायाफ्ता व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ पाएगा। यह संसद के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुकूल है।
आईओसी ने 15 अगस्त को आईओए को संशोधित मसौदा संविधान भेजा था जिसके अनुसार भ्रष्टाचार में दागी व्यक्ति आईओए चुनाव नहीं लड़ सकते। आईओसी ने कहा था, पदाधिकारी या कार्यकारी परिषद का सदस्य बनने के लिये सदस्य का भारत का नागरिक होना अनिवार्य है, उसके पास सभी नागरिक अधिकार होने चाहिए, भारत की किसी अदालत में उसके खिलाफ आरोप नहीं लगे होने चाहिए जैसे कि आपराधिक या भ्रष्टाचार संबंधी अपराध जिसमें दोषी पाये जाने पर जेल की सजा का प्रावधान हो तथा उसे आपराधिक या भ्रष्टाचार के लिये सजा नहीं मिली हो।
इन प्रावधानों से कलमाड़ी, भनोट और वर्मा आईओए चुनाव नहीं लड़ सकते थे। इन सभी के खिलाफ राष्ट्रमंडल खेल 2010 में भ्रष्टाचार के मामले में आरोपपत्र दायर हो चुके हैं। आईओए ने हालांकि आज फिर दोहराया कि भारत में यह संभव नहीं है जहां कोई आरोपी व्यक्ति मंत्री बन सकता है। बैठक में शामिल आईओए के वरिष्ठ अधिकारी तरलोचन सिंह ने कहा, किसी दुर्घटना में शामिल व्यक्ति पर भी आरोपपत्र दायर कर दिये जाते हैं तो इसका मतलब यह नहीं होगा कि वह चुनाव नहीं लड़ पाएगा। जिस व्यक्ति के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया हो वह संसद का चुनाव लड़ सकता है तो फिर हम उसे कैसे रोक सकते हैं।
आईओए की बैठक में आईओसी के प्रतिनिधियों फ्रांसिस्को जे एलिजाल्डे और जेरोम पोइवे तथा एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) के प्रतिनिधि फरहान हैदर भी उपस्थित थे। बैठक के शुरू में हालांकि क्लीन स्पोर्ट्स इंडिया के बैनर तले लगभग 50 प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी व्यक्तियों की भागीदारी का विरोध किया। इसके अलावा राष्ट्रीय राइफल संघ के अध्यक्ष रनिंदर सिंह को भी निशानेबाजी संस्था के खिलाफ अदालती मामला लंबित होने के कारण बैठक से बाहर जाने के लिये कहा गया। आईओए ने बैठक में अपने पदाधिकारियों की उम्र और कार्यकाल संबंधी आईओसी के निर्देश भी मान लिये और वह कार्यकारी परिषद की सदस्य संख्या कम करने पर भी सहमत हो गयी।
आईओसी यदि आईओए की सिफारिश को मान लेती है तो फिर आईओए के 29 सितंबर को चुनाव हो सकते हैं। इसके ध्यान में रखते हुए आईओए ने मताधिकार के प्रारूप को भी अंतिम रूप दिया। अब राष्ट्रीय खेल संघों (एनओसी) के तीन मत, राज्य संघों के दो मत, विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों के दो मत और बिना विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों का एक मत रखने का फैसला किया गया। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 26, 2013, 00:15