Last Updated: Thursday, February 21, 2013, 15:06

चेन्नई : पिछले सत्र की निराशा को भुलाकर भारतीय टीम नए खिलाड़ियों से सजी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट में जीत के साथ आगाज के इरादे से उतरेगी।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम का लक्ष्य अपनी सरजमीं पर एक बार फिर खुद को अपराजेय साबित करना होगा। पिछले साल इंग्लैंड ने टेस्ट श्रृंखला में 2-1 से हराकर भारत का मानमर्दन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया की नजरें इंग्लैंड के प्रदर्शन को दोहराने पर होगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट के मैदान पर पिछले कुछ साल में काफी रोमांचक जंग देखने को मिली है। क्रिकेटप्रेमियों को इस बार भी ऐसी ही उम्मीद होगी।
सचिन तेंदुलकर एंड कंपनी का सामना पीटर सिडल, मिशेल स्टार्क और जेम्स पेटिंसन की मौजूदगी वाले तेज आक्रमण से होगा। वहीं फिल ह्यूजेस, मैथ्यू वेड, एड कोवान और डेविड वार्नर को आर. अश्विन, हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा की स्पिन तिकड़ी का सामना करना होगा। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी अंतिम एकादश की घोषणा 48 घंटे पहले की है। टीम में एकमात्र स्पिनर के रूप में नाथन लियोन को लिया गया है।
ऑस्ट्रेलिया के तेज आक्रमण की अगुवाई सिडल करेंगे। मोइजेस हेनरिक्स को तेज गेंदबाजी के कारण ही ग्लेन मैक्सवेल पर तरजीह देकर टीम में शामिल किया गया है। शेन वाटसन खालिस बल्लेबाज के रूप में ही खेलेंगे। भारत को अंतिम एकादश चुनने से पहले काफी माथापच्ची करनी होगी। सबसे पहले तो वीरेंद्र सहवाग का सलामी जोड़ीदार चुनना होगा। फिलहाल दौड़ में मुरली विजय सबसे आगे हैं जिन्होंने ईरानी ट्रॉफी में शतक जमाया। दिल्ली के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने भी इस सत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है। वह दिल्ली और क्षेत्रीय टीम के लिए सहवाग के साथ खेल भी चुके हैं। धवन खब्बू बल्लेबाज भी है।
चेतेश्वर पुजारा, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली मध्यक्रम में तीसरे से पांचवें स्थान पर उतरेंगे। तेंदुलकर की यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट श्रृंखला हो सकती है लिहाजा वह इसे यादगार बनाना चाहेंगे। मध्यक्रम में टीम प्रबंधन रविंदर जडेजा और अजिंक्य रहाणे में से एक को चुनेगा। हरफनमौला होने के कारण जडेजा को तरजीह मिल सकती है। वहीं रहाणे के होने से बल्लेबाजी को गहराई मिलेगी।
यह भी देखना होगा कि भारत हरभजन, अश्विन और ओझा के रूप में तीन स्पिनरों को उतारता है या एक को बाहर रखता है। इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में भारत ने जडेजा, अश्विन, पीयूष चावला और ओझा के रूप में चार स्पिनर उतारे थे और एक भी नहीं चल सका था। जडेजा के खेलने पर धोनी के सामने समस्या हरभजन और अश्विन में से एक को बाहर करने की भी होगी। ओझा का खेलना तय है और धोनी की पसंद अश्विन होंगे लेकिन तमिलनाडु का यह ऑफ स्पिनर पिछले छह महीने से खराब फार्म में है।
दूसरी ओर हरभजन का रिकार्ड ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा रहा है। चेपाक की पिच धीमी है लेकिन आखिरी चरण में तेज गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग मिल सकती है। भारत के पास जहीर खान जैसा रिवर्स स्विंग का महारथी नहीं है। अशोक डिंडा के पास विविधता नहीं है। भुवनेश्वर कुमार के पास गति का अभाव है और उसने वनडे में पुरानी सफेद गेंद से ज्यादा गेंदबाजी भी नहीं की है। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह श्रृंखला उसके बल्लेबाजों की अग्निपरीक्षा होगी क्योंकि उसके पास रिकी पोंटिंग या माइक हस्सी नहीं है। मध्यक्रम में कप्तान माइकल क्लार्क चोट से उबरकर आये हैं। यही हाल डेविड वार्नर का भी है। दोनों टीमें इस प्रकार हैं :
भारत : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), वीरेंद्र सहवाग, मुरली विजय, शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, रविंद्र जडेजा, आर अश्विन, हरभजन सिंह, प्रज्ञान ओझा, ईशांत शर्मा, अशोक डिंडा, भुवनेश्वर कुमार।
ऑस्ट्रेलिया : माइकल क्लार्क (कप्तान), एड कोवान, डेविड वार्नर, फिलीप ह्यूजेस, शेन वाटसन, मोइजेस हेनरिक्स, मैथ्यू वेड, नाथन लियोन, पीटर सिडल, मिशेल स्टार्क, जेम्स पेटिंसन, ग्लेन मैक्सवेल (12वां स्थान)। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 21, 2013, 15:06