Last Updated: Sunday, March 24, 2013, 22:47

नई दिल्ली : रविंदर जडेजा की बलखाती गेंदों और चेतेश्वर पुजारा की विश्वसनीय पारी से भारत ने चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में आज यहां तीसरे दिन ही छह विकेट की धमाकेदार जीत से आस्ट्रेलिया का 4-0 से वाइटवाश करके भारतीय क्रिकेट में नया इतिहास रचा।
तीसरे दिन के पहले 176 मिनट स्पिनरों के नाम रहे जिसमें भारत की पहली पारी में बचे दो विकेट के अलावा आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी भी 164 रन पर आउट हुई थी। पहली पारी में 272 रन बनाकर दस रन की बढ़त बनाने वाले भारत को 155 रन का लक्ष्य मिला और उसने चार विकेट के एवज में 158 रन बना कर पहली बार चार मैचों में क्लीन स्वीप किया।
पुजारा 124 मिनट क्रीज पर रहे और उन्होंने 91 गेंदों पर दस चौकों की मदद से नाबाद 82 रन बनाये। उन्होंने अपनी कटिंग, पंचिंग और ड्राइव से इसी टीम के खिलाफ 2010 में बेंगलूर में अपने पदार्पण टेस्ट मैच में खेली गयी पारी की याद ताजा कर दी। विराट कोहली (41) ने उनका पूरा साथ दिया। इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिये 104 रन की साझेदारी करके भारत की जीत आसान की।
फिरोजशाह कोटला की जिस पिच पर पीटर सिडल (50) को छोड़कर बाकी आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जूझते रहे उस पर पुजारा ने सिखाया कि कैसे रन बनाये जाते हैं। नाथन लियोन :94 रन देकर सात विकेट: का प्रयास रविंदर जडेजा (58 रन देकर पांच विकेट) ने बेकार कर दिया था। दोनों ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। सिडल ने दोनों पारियों में अर्धशतक जड़कर नया रिकार्ड बनाया लेकिन आस्ट्रेलिया के बाकी बल्लेबाजों के पास जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और प्रज्ञान ओझा का जवाब नहीं था।
भारत ने पिछले दो मैच चार दिन में जीते थे लेकिन यहां उसने तीसरे दिन ही आस्ट्रेलिया को घुटने टेकने के लिये मजबूर कर दिया। इससे पहले भारत ने 2008 में कानपुर में दक्षिण अफ्रीका को तीन दिन के अंदर आठ विकेट से हराया था। भारत ने अपने 81 साल के इतिहास में पहली बार किसी श्रृंखला के सभी चार मैच जीते। उसने इसके साथ ही आस्ट्रेलिया से पिछली श्रृंखला में मिली 0-4 की हार का बदला भी चुकता कर दिया।
आस्ट्रेलिया ने केवल पांच बार किसी श्रृंखला में चार या इससे अधिक मैच गंवाये। वह इससे पहले 1970 दक्षिण अफ्रीका से 0-4 से पराजित हुआ था। पुजारा ने बेंगलूर में 72 रन की पारी खेली थी और यहां उन्होंने उसकी पुनरावृत्ति करके लियोन को गलत साबित कर दिया। लियोन ने कल कहा था कि भारत के लिये 100 रन का लक्ष्य हासिल करना भी मुश्किल होगा। उन्हें कोहली का पूरा साथ मिला। मुरली विजय ने स्वीप करने के प्रयास में अपना विकेट गंवा दिया था लेकिन पुजारा और कोहली ने जल्द ही आस्ट्रेलिया की धुंधली उम्मीद भी मिटा दी।
केाहली की पारी 76 मिनट तक चली और इस बीच दर्शक से बेसब्री से एक विकेट का इंतजार करते रहे। इसलिए जब लियोन ने कोहली को एलबीडब्ल्यू आउट किया तो दर्शक अपनी जगह से खड़े हो गये। तेंदुलकर जब संभवत: आखिरी बार भारतीय सरजमीं पर बल्लेबाजी के लिये आये तो लगभग 35 हजार क्रिकेट प्रेमियों ने तहेदिल से उनका स्वागत किया।
तेंदुलकर (1) केवल आठ मिनट टिक पाये और लियोन की पगबाधा की अपील पर रिचर्ड केटेलबोरोग ने उन्हें आउट दे दिया। दर्शक सन्न थे। अपना पहला मैच खेल रहे अंजिक्या रहाणे (1) भी तीन मिनट क्रीज पर बिताकर गैरजिम्मेदाराना शाट खेलकर पवेलियन लौट गये। आस्ट्रेलिया ने यदि बीच में कुछ कैच नहीं टपकाये होते तो स्थिति और खराब हो सकती थी। पुजारा ने आखिर में मैक्सवेल पर मिड आन, बैकवर्ड प्वाइंट और मिडआन पर लगातार तीन चौके जड़कर स्कोर बराबर किया और फिर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 12) ने मिडविकेट पर विजयी चौका जमाया।
दर्शक खुशी से उत्साहित थे तो ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों ने एक दूसरे को गले लगाकर इस ऐतिहासिक जीत की बधाई दी। इससे पहले कोटला की पिच बल्लेबाजों के लिये कब्रगाह नजर आ रही थी। भारत ने सुबह अपने बाकी बचे दो विकेट आठ मिनट और 13 गेंद के अंदर गंवा दिये। इसके बाद आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 168 मिनट में सिमट गयी। उसकी तरफ से केवल सिडल ने ही वह जज्बा दिखाया जिसके लिये आस्ट्रेलियाई जाने जाते हैं। एक जडेजा उन पर भारी पड़ गये थे। जडेजा की गेंदों में कुछ तेजी भी थी। वह कुछ हद तक मोंटी पनेसर जैसी गेंदें कर रहे थे।
विकेट में तो कुछ गेंद बहुत नीची रहती तो कुछ अचानक उछल जाती। ऐसे में आस्ट्रेलिया का मैक्सवेल से पारी का आगाज करवाने का जुआ भी नहीं चला। जडेजा ने दोनों बल्लेबाजों मैक्सवेल (आठ) और डेविड वार्नर (आठ) को पवेलियन भेजा।
फिलिप ह्यूज (छह) भी नहीं चल पाये जबकि शेन वाटसन (पांच) कप्तान के रूप में दूसरी पारी में केवल 14 मिनट क्रीज पर रहे। उन्होंने ओझा की गेंद एक्रास द लाइन खेलने की कोशिश में अपना विकेट गंवाया। जडेजा ने लंच के तुरंत बाद स्टीवन स्मिथ (18) और मिशेल जानसन (शून्य) को लगातार गेंदों पर आउट किया। सिडल ने न सिर्फ जडेजा की हैट्रिक बचायी बल्कि इसके बाद कई लुभावने शाट खेले। उन्हें निचले क्रम में जेम्स पैटिनसन का फिर से अच्छा साथ मिला।
इन दोनों ने पहली पारी में नौवें विकेट के लिये 54 रन की साझेदारी की थी और इस बार दोनों ने 35 रन जोड़े। इशांत शर्मा ने पैटिनसन (11) को गेंद विकेटों पर मारने के लिये मजबूर करके यह साझेदारी तोड़ी। सिडल ने अश्विन की गेंद पर दो रन लेकर लगातार दूसरी पारी में अर्धशतक पूरा किया। वह दुनिया में नौवें नंबर के पहले बल्लेबाज हैं जिन्होंने दोनों पारियों में अर्धशतक जमाया। अश्विन ने अगली गेंद पर ही उन्हें धोनी के हाथों स्टंप करा दिया। उन्होंने 45 गेंद खेली तथा सात चौके लगाये। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 24, 2013, 13:09