Last Updated: Tuesday, July 16, 2013, 20:05

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलियाई कोच पद से बर्खास्त किये गये मिकी आर्थर ने दावा किया है कि वह नस्ली भेदभाव के शिकार रहे। उन्होंने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से मुआवजा देने के लिये भी कहा है। दक्षिण अफ्रीका के 45 वर्षीय आर्थर ऑस्ट्रेलिया के पहले विदेशी कोच थे। उन्हें एशेज श्रृंखला शुरू होने से ठीक पहले बाहर कर दिया गया जबकि उनका अनुबंध समाप्त होने में अभी दो साल का समय बाकी था। उनकी जगह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेरेन लीमन को कोच बनाया गया है। सेवन नेटवर्क टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार अदालत में जो कानूनी दस्तावेज पेश किये गये है उससे पता चलता है कि आर्थर ने अपना करार समाप्त होने तक का भुगतान और मुआवजा देने के लिये कहा है। रिपोटरें के अनुसार आर्थर का वाषिर्क वेतन चार लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर था और इसके अलावा उन्हें एक वर्ष में दो लाख ऑस्ट्रेलियाई डालर का बोनस मिलता था। आर्थर का कार्यकाल 2015 में समाप्त होना था। ऑस्ट्रेलिया के भारतीय दौरे और चैंपियन्स ट्राफी में खराब प्रदर्शन के कारण आर्थर आलोचकों के निशाने पर थे। खिलाड़ियों में अनुशासनहीनता के कारण भी उन्हें आलोचनाएं सहनी पड़ रही थी। रिपोर्ट के अनुसार हालांकि आर्थर ने दावा किया कि दक्षिण अफ्रीकी होने और आस्ट्रेलियाई तरीका नहीं समझने के कारण उनके साथ भेदभाव किया जाता था।
नेटवर्क के अनुसार आर्थर ने यह भी कहा है कि वाटसन ने उन्हें चैंपियन्स ट्राफी के दौरान ‘बार’ में हुई घटना के बारे में बता दिया था जहां ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ने इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट पर घूंसा जड़ा था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के वकील डीन किनो ने सेवन नेटवर्क से कहा, यह मामला इस स्थिति में पहुंच गया है यह निराशाजनक है लेकिन क्रिकेट आस्ट्रेलिया इस मामले में अपनी स्थिति को लेकर आश्वस्त है और मुझे पूरा विश्वास है कि इसका उचित तरीके से निबटारा हो जाएगा। ऑस्ट्रेलिया ने आर्थर के रहते हुए दस टेस्ट मैचों में जीत हासिल की, छह में उसे हार मिली जबकि तीन मैच ड्रा रहे। आर्थर की हालांकि भारतीय दौरे के दौरान ‘होमवर्क’ प्रकरण के लिये आलोचना की गयी। उन्होंने टीम के प्रदर्शन पर लिखित रिपोर्ट नहीं देने के कारण तीसरे टेस्ट मैच से पहले उप कप्तान वाटसन सहित चार खिलाड़ियों को बाहर कर दिया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 16, 2013, 20:05