Last Updated: Monday, March 4, 2013, 19:31

हैदराबाद : महान स्पिनर शेन वार्न का मानना है कि ‘समस्या’ उस तरीके में है जिस तरह आस्ट्रेलिया में घरेलू स्तर पर युवा स्पिनरों को तराशा जाता है और उन्होंने जोर दिया कि आक्रामक गेंदबाजी को अधिक अहमियत दी जाए। वार्न ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि समस्या इसमें है कि हम अपने युवा स्पिनरों से क्या उम्मीद करते हैं और घरेलू स्तर पर कप्तान और कोच उनको किस तरह रखते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रवैया हमेशा विकेट चटकाने वाला होना चाहिए, इकोनामी रेट पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। 25 ओवर में 100 रन देकर चार विकेट अच्छा नतीजा है और यह 25 ओवर में 60 रन देकर दो विकेट से बेहतर है।’’ भारत और आस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा टेस्ट श्रृंखला में मेहमान टीम के स्पिनरों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है।
वार्न ने कहा कि एक ही समय में विकेट चटकाने वाला गेंदबाज और कम रन देने वाला गेंदबाज नहीं बना जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उम्मीदें काफी अधिक हैं। युवा स्पिनरों पर काफी दबाव डाला जाता है कि वे विकेट चटकाने वाला आक्रामक गेंदबाज और कम रन देने वाला गेंदबाज दोनों बने, यह करना काफी मुश्किल है।
वार्न का मानना है कि ट्वेंटी20 क्रिकेट का अविष्कार और 50 ओवर का प्रारूप युवा स्पिनरों की प्रगति में अड़चन है। उन्होंने कहा, ‘‘ट्वेंटी20 और 50 ओवर का क्रिकेट युवा स्पिनरों के विकास में अड़चन है क्योंकि इन प्रारूपों में आपको अलग तरह से गेंदबाजी करनी होती है। दुनिया भर की टी20 प्रतियोगिताओं से काफी पैसा जुड़ा होने के कारण यह आसान स्थिति नहीं होती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहीं खिलाड़ी पर जिम्मेदारी आती है। अगर युवा स्पिनर आस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता है तो इसके लिए पहले उन्हें यह सीखना चाहिए कि गेंदबाजी कैसे की जाए और फिर दुनिया भर में खेल के छोटे प्रारूपों में खेलने के विकल्प के बारे में सोचना चाहिए।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, March 4, 2013, 19:31