Last Updated: Thursday, December 6, 2012, 20:31
नई दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को लगता है कि इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक में क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले 15,000 टेस्ट रन और 50 टेस्ट शतक जड़ने की क्षमता है।
कुक ने 27 साल की उम्र में 7,000 रन पूरे कर लिये हैं और 23 शतकों के साथ वह अपने देश की ओर से सर्वाधिक सैकड़ा जमाने वाले खिलाड़ी हैं।
गावस्कर ने इंग्लैंड के कप्तान की तारीफों के पुल बांधते हुए एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि इस तरह की फार्म से और अगर उनकी थोड़ी फार्म गिरती भी है तो भी 15,000 टेस्ट रन और 50 टेस्ट शतक उनकी पहुंच से दूर नहीं हैं। कि इस महान सलामी बल्लेबाज ने कहा कि किसी खिलाड़ी के कैरियर के लिये सिर्फ चोटें ही एकमात्र चीज हैं जिनकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। अगर वह किसी गंभीर चोट के बिना खेलता रहता है तो इस तरह की उपलब्धियां उससे दूर नहीं हैं। गावस्कर को कुक की एकाग्रता और गेंद पर नजर गड़ाये रखने की क्षमता काफी पसंद आयी।
उन्होंने कहा कि एकाग्रता भगवान की देन है। मुझे कुक के बारे में जो चीज पसंद है, वह हर वक्त गेंद पर नजर टिकाये रहता है। यहां तक कि जब वह नान स्ट्राइकर्स छोर पर खड़ा होता है तो भी वह ऐसा करता है। यही एकाग्रता कायम रखने का एक तरीका है।
गावस्कर ने कहा कि ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं जो हर तरफ देखते रहते हैं। जैसे रवि बोपारा, जो काफी प्रतिभाशाली है लेकिन उसकी यहां-वहां देखने की आदत है। ध्यान हमेशा सिर्फ आपके काम पर होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यहां की अच्छी पिच पर 316 का स्कोर अच्छा स्कोर नहीं है। आपको 450 रन बनाने की जरूरत थी और कम से कम साढ़े चार या पांच सत्र तक बल्लेबाजी करनी थी। लेकिन जब आप चार सत्र के अंदर ही आउट हो जाते हो तो वापसी करना हमेशा मुश्किल होता है।
गावस्कर ने कहा कि उप महाद्वीपीय पिच पर दूसरा दिन बल्लेबाजी के लिये हमेशा सर्वश्रेष्ठ होता है और इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने इसका फायदा उठाया। वे पहले ही ढाई सत्र तक बल्लेबाजी कर चुके हैं और अगर वे तीन सत्र और बल्लेबाजी कर लेते हैं तो भारत के लिये वापसी करना बहुत मुश्किल हो जायेगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 6, 2012, 20:31