Last Updated: Tuesday, November 8, 2011, 07:53
नई दिल्ली : क्या फिरोजशाह कोटला की मशहूर मैक्सिकन वेव अब इतिहास बन गई है। कभी पुलिस ने दर्शकों के एक साथ खड़े होकर आवाज निकालने की इस दर्शनीय लहर के प्रति कड़ा रवैया अपनाया था और अब स्टेडियम खाली होने के कारण इसकी संभावना के बारे में भी नहीं सोचा जा सकता है।
भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट मैच के शुरुआती तीन दिन काफी रोमांचक रहे लेकिन स्टेडियम में आकर इसका साक्षात गवाह बनने के लिए बहुत कम दर्शक आए। कोटला के इतिहास में यह पहला अवसर है जबकि दर्शकों ने किसी अंतरराष्ट्रीय मैच के प्रति ऐसी बेरूखी दिखाई। इसका एक कारण आयोजकों का ढीला रवैया भी माना जा सकता है क्योंकि टिकटों की बिक्री के लिए प्रचार नहीं किया गया। अधिकतर क्रिकेट प्रेमियों को यही पता नहीं है कि टिकट कहां से मिल रहे हैं।
मैच के तीनों दिन सुबह की स्थिति दर्शकों के लिहाज से बेहद दयनीय रही। खेल सुबह नौ बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जाता है लेकिन पिछले तीनों दिन से तब स्टेडियम में बमुश्किल 500 दर्शक मौजूद रहते हैं। खेल शुरू होने के साथ दर्शकों की संख्या में जरूर इजाफा होता है लेकिन 42 हजार क्षमता वाले स्टेडियम में अधिकतर सीटें किसी का इंतजार करती ही रह जाती हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मैच के पहले दिन 8058 दर्शक पहुंचे थे। दूसरे दिन भारतीय टीम बल्लेबाजी कर रही थी इसलिए दर्शक भी अधिक पहुंचे। यह अलग बात है कि उन्हें निराश होना पड़ा। स्टेडियम में 10 या 12 हजार दर्शक उपस्थित थे लेकिन आधिकारिक आंकड़ों में इनकी संख्या 15 हजार से अधिक थी। तीसरे दिन तो सुबह के सत्र में 1,000 के करीब ही दर्शक पहुंचे थे। दोपहर बाद तक इनकी संख्या पांच हजार तक भी नहीं पहुंची थी।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 8, 2011, 13:23