Last Updated: Saturday, April 13, 2013, 19:42

नई दिल्ली : एक संयुक्त बैठक के लिये खेल मंत्रालय को सीधे पत्र लिखने के अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के कदम से निलंबित भारतीय ओलंपिक संघ के अधिकारी हैरान हैं। उनका कहना है कि आईओसी अपनी ही बात का विरोध कर रहा है। आईओसी ने आईओए और खेल मंत्रालय को अलग अलग पत्र लिखकर सात मई को लुसाने में बैठक के लिये बुलाया है। सरकार और आईओए के बीच जारी मतभेद के बीच ओलंपिक में भारत को लौटाने का तरीका तलाशने का यह एक और प्रयास है।
इससे पहले आईओसी ने हमेशा आईओए के जरिये सरकार से बात की है। भारत में आईओसी के सदस्य रणधीर सिंह और आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष वी के मलहोत्रा को पत्र लिखे गए। अब खेल मंत्रालय को सीधे पत्र लिखकर आईओसी अपने ही नियम के खिलाफ चली गई है। चार दिसंबर 2012 को आईओसी ने आईओए के निलंबन का कारण सरकार का दखल बताया था।
आईओए के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा ,‘‘ यह हैरानी की बात है कि आईओसी ने सीधे खेल मंत्रालय से बात करने का फैसला किया। आईओसी ने आईओए को इसलिये निलंबित किया था क्योंकि उसने चुनाव में सरकार की आचार संहिता का पालन किया था।’’ आईओए ने पांच दिसंबर 2012 को सरकार के दिशा निर्देशों के तहत चुनाव कराये जिसके बाद आईओसी ने उसे निलंबित कर दिया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, April 13, 2013, 19:42