Last Updated: Monday, September 19, 2011, 07:34
नई दिल्ली. पूरी दुनिया में फार्मूला-1 रेस काफी रोमांचक और मशहूर खेल माना जाता है लेकिन इसके आयोजकों को काफी नुकसान सहना पड़ता है. बेशक इसमें ग्लैमर, उद्योगपतियों व सितारों का जमावड़ा और भारी भरकम बजट शामिल रहता हो लेकिन इस कारण कई कंपनियों पर ताले भी लग गए.
फिर भी जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल का दावा है कि उन्हें इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसके लिए कंपनी ने विशेष योजना बनाई है जिसका खुलासा करते हुए जेपीएसआई के मुख्य प्रबंध निदेशक समीर गौड़ ने बताया कि उन्हें पूरा भरोसा है कि इंडियन ग्रांड प्रिक्स घाटे का सौदा साबित नहीं होगी.
भारत में पहली बार एफ-1 रेस आयोजित कराने जा रही जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल के पास ग्रेटर नोएडा में करीब 2,500 एकड़ जमीन है. इस पर अभी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और हॉकी स्टेडियम बनाए जाएंगे. सर्किट और स्टेडियम के गिर्द स्पोर्ट्स सिटी के नाम से शहर बसाया जाएगा जिससे कंपनी को अच्छी आमदनी होने की उम्मीद है.
अभी तक के आयोजनों में मेलबर्न के एफ-1 सर्किट को वर्ष 2007 में 32 मिलियन डॉलर का घाटा उठाना पड़ा था. जिसकी भरपाई अभी तक नहीं हो सकी है. वहीं शंघाई सर्किट वर्ष 2004 में 450 मिलियन डॉलर में बना जिसे अपनी लागत पूरी करने में अभी तीन साल और लगेंगे. स्पेन और जर्मनी के सर्किट भी घाटे में हैं. इस्तांबुल सर्किट घाटे के कारण इस साल बंद हो जाएगा. इनमें अमेरिका, रूस और बेहरीन के एफ-1 सर्किट भी शामिल हैं.
First Published: Monday, September 19, 2011, 14:33