Last Updated: Sunday, August 18, 2013, 14:41

बेंगलूर : भारत के सीनियर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि चयनकर्ताओं को राष्ट्रीय टीम चुनते समय सिर्फ खिलाड़ियों के आंकड़ों पर विचार नहीं करना चाहिए बल्कि इसकी जगह दबाव से निपटने की खिलाड़ी की क्षमता पर ध्यान देना चाहिए।
तेंदुलकर ने यहां केएससीए के प्लेटिनम जुबली समारोह के दौरान कहा, चयन सिर्फ स्कोरबुक देखने से जुड़ा नहीं होना चाहिए। चयनकर्ता ऐसे खिलाड़ियों को चुन सकता है जिसने काफी अधिक रन बनाए हो लेकिन यह काम नहीं करेगा। मैंने ऐसे खिलाड़ी देखे हैं जो घरेलू स्तर पर बेजोड़ थे लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए।
उन्होंने कहा, चयन के समय खिलाड़ियों का आकलन करना होता है। अगर वह कुछ मैचों में विफल भी हो जाए तो भी यह देखने की जरूरत है कि क्या उसमें दबाव झेलने की क्षमता है और क्या वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रदर्शन कर सकता है। तेंदुलकर ने कहा कि आलोचना का सामना करने वाले ट्वेंटी20 प्रारूप सहित क्रिकेट में आए अन्य बदलावों ने खेल को और अधिक रोमांचक बना दिया है और टेस्ट मैचों में अधिक नतीजे हासिल करने में सफलता मिली है।
उन्होंने कहा, क्रिकेट एकमात्र खेल है जिसमें तीन प्रारूप हैं और यह और अधिक रोमांचक होता जा रहा है, खिलाड़ियों के लिए ही नहीं बल्कि दर्शकों के लिए भी। तेंदुलकर ने कहा, इसमें कलात्मकता है और अब और नतीजे हासिल किए जा रहे हैं (खेल के लंबे प्रारूप में)। बल्लेबाज जोखिम उठाने को तैयार हैं। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि ट्वेंटी20 का खेल के लंबे प्रारूप पर भी असर पड़ा है क्योंकि खिलाड़ी आक्रामक हो गए हैं और इसके अलावा अब अधिक नतीजे मिल रहे हैं।
गांगुली ने कहा, यह खेल में नयापन लेकर आया है। जब टेस्ट क्रिकेट की बात होती है तो आपको सामंजस्य बैठाना होता है और तकनीक के लिहाज से कोई दो खिलाड़ी एक जैसे नहीं होते। खिलाड़ियों को अपने बेसिक्स पर बरकरार रहना चाहिए, यह अहम है। पूर्व टेस्ट कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि ट्वेंटी20 ने क्रिकेट को अधिक लचीला बना दिया है।
उन्होंने कहा, आपको कुछ शाट खेलना सीखना होगा। आप सिर्फ हर गेंद को ब्लाक नहीं कर सकते जैसा मैं टेस्ट क्रिकेट में किया करता था। द्रविड़ ने कहा, अच्छे खिलाड़ी सामंजस्य बैठाना सीखते हैं। अगर हम क्रिस गेल, माइकल हसी या एबी डिविलियर्स को पिछले आईपीएल में देखें तो दबदबा बनाने वाले से सभी काफी अच्छे टेस्ट खिलाड़ी हैं। इसलिए हमें अपने बेसिक्स सही रखने होंगे। तेंदुलकर ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में टी20 के मुकाबले बेसिक्स पर ध्यान देना अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, यह एकमात्र प्रारूप (टी20) है जिसमें आप तीन या चार गेंद में भी हीरो बन सकते हो। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 18, 2013, 14:04