चेन्नई टेस्ट : अश्विन की फिरकी में फंसे कंगारू, क्लार्क का शतक| Chennai test

चेन्नई टेस्ट : अश्विन की फिरकी में फंसे कंगारू, क्लार्क का शतक

चेन्नई टेस्ट : अश्विन की फिरकी में फंसे कंगारू, क्लार्क का शतक चेन्नई: रविचंद्रन अश्विन के स्पिन भंवर में फंसी आस्ट्रेलियाई टीम के लिए कप्तान माइकल क्लार्क और अपना पहला मैच खेल रहे मोएजेस हेनरिक्स ने शुक्रवार को यहां तारणहार की भूमिका निभाकर पहले टेस्ट क्रिकेट मैच का पहला दिन पूरी तरह से भारत के नाम नहीं होने दिया। अश्विन ने 88 रन देकर चोटी के छह बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा लेकिन क्लार्क ने नाबाद 103 रन की बेहतरीन पारी खेली, जिससे आस्ट्रेलिया पहले दिन का खेल समाप्त होने तक सात विकेट 316 रन बनाकर अच्छी स्थिति में पहुंच गया।

अंगूठे की चोट से उबरने वाले डेविड वार्नर की 59 रन की पारी के बावजूद आस्ट्रेलिया का स्कोर जब पांच विकेट पर 153 रन तब क्लार्क ने हेनरिक्स (68) के साथ छठे विकेट के लिये 42. 2 ओवर में 151 रन की साझेदारी करके मैच पर भारतीयों का शिकंजा ढीला किया। पहले दिन 95 ओवर का खेल हुआ। क्लार्क ने दिन के आखिरी ओवर में रविंदर जडेजा की गेंद को मिड आफ पर चार रन के लिये भेजकर अपना कुल 23वां और भारत के खिलाफ छठा शतक पूरा किया। उन्होंने अब तक 169 गेंदों का सामना करके 11 चौके और एक छक्का लगाया है।

दिन के आखिरी क्षणों में आउट होने वाले हेनरिक्स ने 132 गेंदें खेली तथा पांच चौके लगाये। अश्विन भारतीय गेंदबाजों में फिर से सबसे प्रभावशाली रहे। उनकी गेंदबाजी में टर्न और उछाल था और उन्होंने बल्लेबाजों को काफी परेशान किया। अपने घरेलू मैदान एम ए चिदंबरम स्टेडियम में अपना पहला मैच खेल रहे अश्विन ने छठी बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लिये। भारत की तरफ से सातवां विकेट जडेजा को मिला।

आस्ट्रेलिया ने पहले सत्र में 126 रन जोड़े और दो विकेट गंवाये। दूसरे सत्र में वह 89 रन ही बना पाया और इस बीच उसके तीन बल्लेबाज पवेलियन लौटे। भारत ने तीसरे सत्र के आखिरी क्षण में तीन रन के अंदर दो विकेट लेकर मैच में वापसी की कोशिश की। आस्ट्रेलिया ने इस सत्र में 101 रन जोड़े। क्लार्क और हेनरिक्स ने स्पिन आक्रमण का पूरे आत्मविश्वास के साथ सामना किया।

बेंगलूर में 2004 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले क्लार्क ने उपमहाद्वीप में खेलने के अनुभव का पूरा इस्तेमाल किया। उन्होंने टर्न लेती गेंदों के सामने फुटवर्क का अच्छा इस्तेमाल किया। दूसरी तरफ पुर्तगाल में जन्में हेनरिक्स ने स्पिनरों को तेजी से टूटती पिच पर खुद पर हावी नहीं होने दिया। सुबह टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए आस्ट्रेलिया ने 15 ओवर तक आराम से बल्लेबाजी की।

अश्विन ने लंच से पहले सलामी बल्लेबाज एड कोवान (29) को स्टंप आउट और फिर 19वें ओवर में फिलिप ह्यूज (6) को बोल्ड किया। वार्नर और शेन वाटसन (28) ने इसके बाद पारी को संभाला। इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिये 54 रन की साझेदारी की लेकिन लंच के बाद अश्विन ने जल्दी-जल्दी तीन विकेट लेकर आस्ट्रेलिया को बैकफुट पर भेज दिया।

उन्होंने दूसरे सत्र में वाटसन, वार्नर और विकेटकीपर मैथ्यू वेड (12) के विकेट लिये। महेंद्र सिंह धोनी ने सुबह 22 मिनट के भीतर स्पिनरों को गेंद सौंप दी थी। आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में बेजोड़ प्रदर्शन करके ‘टर्बनेटर’ नाम पाने वाले हरभजन विकेट नहीं ले पाये लेकिन अश्विन ने अपनी टर्न और उछाल लेती गेंद पर कोवान को छकाया और धोनी ने स्टंप आउट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

अश्विन को क्लार्क का भी विकेट मिल जाता लेकिन भाग्य आस्ट्रेलियाई कप्तान के साथ था। चाय के विश्राम से दस मिनट पहले अंपायर कुमार धर्मसेना ने अश्विन की करीबी कैच की अपील ठुकरा दी थी। टीवी रीप्ले से लग रहा था कि गेंद ने फारवर्ड शार्ट लेग के क्षेत्ररक्षक के पास पहुंचने से पहले बल्ले का किनारा लिया था। क्लार्क तब 39 रन पर खेल रहे थे।

क्लार्क ने तीसरे सत्र में अधिक आक्रामक रवैया अपनाया। उन्होंने अश्विन की गेंद को लांग आन पर छह रन के लिये भेजकर 50 रन पूरे किये। हेनरिक्स ने भी 101वीं गेंद का सामना करते हुए इशांत पर मिड आन क्षेत्र में एक रन लेकर अपना पहला अर्धशतक पूरा किया।

इसके बाद भी इन दोनों ने सहजता से बल्लेबाजी की लेकिन जब दिन का खेल समाप्त होने के करीब था तब अश्विन ने फिर से अपनी उंगलियों की जादूगरी दिखायी और हेनरिक्स की एकाग्रता तोड़कर भारत को छठा विकेट दिलाया। हेनरिक्स आफ ब्रेक को स्वीप करने के प्रयास में एलबीडब्ल्यू आउट हुए। दिन के निर्धारित 90 ओवर पूरे होने के बाद भी समय बचे होने के कारण खेल जारी रखा गया। जडेजा ने इसका फायदा उठाकर नये बल्लेबाज मिशेल स्टार्क (3) का आफ स्टंप उखाड़ा। इससे अश्विन की सभी दस विकेट लेने की संभावना भी समाप्त हो गयी। (एजेंसी)

First Published: Friday, February 22, 2013, 17:23

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