चैपल से मेजबान टीम को फायदा नहीं - Zee News हिंदी

चैपल से मेजबान टीम को फायदा नहीं

नई दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को लगता है कि भारतीय बल्लेबाजों के खिलाफ रणनीति बनाने के लिये ग्रेग चैपल की आस्ट्रेलियाई ड्रेसिंग रूम में उपस्थिति का मेजबान टीम को ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा। दो दिन पहले डेली टेलीग्राफ में रिपोर्ट आयी थी कि सचिन तेंदुलकर को कैसे रन बनाने से रोका जाए इस पर आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को संबोधित करने के लिये वर्तमान कोच मिकी आर्थर ने पूर्व भारतीय कोच चैपल बुलाया है।

 

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चैपल अगले सप्ताह पहले टेस्ट टीम की आस्ट्रेलियाई टीम को संबोधित करेंगे। वह एक ऐसे व्यक्ति है जो चैंपियन  तेंदुलकर के रहस्य को जानते हैं। आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के लिये तेंदुलकर मास्टर हैं जो कभी उनकी कमजोरी नहीं जान पाये। ’

 

गांगुली के अनुसार कि इससे पहले 2008 में चैपल आस्ट्रेलियाई सहयोगी स्टाफ में थे लेकिन इससे कोई मदद नहीं मिली थी। उन्होंने , ‘यदि आप 2008 की श्रृंखला पर गौर करो जो कि मेरी आखिरी श्रृंखला थी, तो चैपल आस्ट्रेलियाई सहयोगी स्टाफ में थे। तब भी हमने 2-0 से श्रृंखला जीती थी। इसलिए मुझे नहीं लगता कि उनकी उपस्थिति से इस बार भी कोई अंतर पैदा होगा। ’

 

उन्होंने कहा, ‘वह कुछ निजी उद्देश्य के साथ आये थे। वह नहीं चाहते थे कि ड्रेसिंग रूम में शांति रहे। वह गलती पर गलती करते रहे लेकिन तत्कालीन कप्तान राहुल द्रविड़ में इतना साहस नहीं था कि वह उन्हें गलत करने से रोक सकें। ’ इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि चैपल को कोच पद सौंपना गलती थी।

 

उन्होंने कहा, ‘वह तेंदुलकर, लक्ष्मण, जहीर, हरभजन के खिलाफ थे और इन सभी ने साबित किया कि वे विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं। वे अब भी अपने देश के लिये अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ’

 

गांगुली से जब पूछा गया कि क्या तब बीसीसीआई को अधिक सोच समझकर काम लेना चाहिए था, उन्होंने कहा, ‘तब बीसीसीआई बदलाव चाहता था और वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकता था। ’

 

एक अन्य पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने कहा कि चैपल का आस्ट्रेलियाई तरीका भारतीयों के अनुकूल नहीं था। उन्होंने कहा, ‘भारत में हम किसी के लिये पूरी तरह से दरवाजा बंद नहीं करते। सीनियर खिलाड़ियों के साथ आपको आदर के साथ काम करना पड़ता है। गैरी कर्स्टन को देखो, उन्होंने भारतीय टीम के साथ शानदार भूमिका निभायी। ’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 18, 2011, 14:35

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