Last Updated: Friday, November 16, 2012, 22:49
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : तीन सदस्यों वाले एक मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को वर्ष 2007 में ज़ी इंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज के साथ अपने पांच साल के अनुबंध को ‘मनमाने ढंग’ से समाप्त करने का दोषी पाया है। इस अनुबंध के तहत ज़ी इंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज के पास विदेशों में होने वाले भारतीय क्रिकेट मुकाबलों के प्रसारण के अधिकार थे।
न्यायाधिकरण ने बीसीसीआई को गैरकानूनी तरीके से अनुबंध समाप्त करने पर क्षतिपूर्ति के तौर पर 120 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए भी कहा है।
न्यायाधिकरण में शामिल दो पूर्व मुख्य न्यायाधीश ए.एस. आनंद एवं वाई.के. सब्बरवाल और सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी.एन. श्रीकृष्ण ने कहा,‘हमारे विचार में, बीसीसीआई द्वारा अवैध और गैरकानूनी तरीके से करार निरस्त किए जाने और अवैध रूप से काली सूची में डाले जाने पर वादी (ज़ी) को क्षतिपूर्ति पाने का हकदार है।’
उल्लेखनीय है कि ज़ी ने 12 अप्रैल 2006 को बीसीसीआई के साथ एक करार किया था। इस करार के तहत ज़ी को 31 मार्च 2011 तक विदेशों में खेले जाने वाले भारतीय क्रिकेट के प्रसारण के अधिकार प्राप्त थे। वहीं, ज़ी ने क्षतिपूर्ति के रूप में 480 करो़ड़ रुपए की मांग की है।
First Published: Friday, November 16, 2012, 19:17