Last Updated: Wednesday, July 11, 2012, 18:14

नई दिल्ली : भारत की भावी पीढी के क्रिकेटरों में टेस्ट क्रिकेट की उदासीनता पर लंबे समय से चल रही बहस के बीच मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का मानना है कि क्रिकेटरों को पांच दिनी प्रारूप पसंद करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
तेंदुलकर ने कहा, टेस्ट क्रिकेट के लिए प्यार अंदर से उमड़ना चाहिए। ऐसा कोई फार्मूला नहीं है कि उसे करने के बाद आप टेस्ट क्रिकेट को पसंद करने लगेंगे।
उन्होंने कहा, मैं भारत के लिए खेलने का सपना देखकर बड़ा हुआ। मेरा वही सबसे बड़ा लक्ष्य था कि मैं भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलूं और अच्छा खेलूं।
उन्होंने ईएसपीएन के स्पोर्ट्स सेंटर कार्यक्रम पर कहा, हर अभ्यास सत्र में मैं कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार था। कोच जो चाहते थे, मैं करता था। मैं सिर्फ भारत के लिए खेलना चाहता था। कई क्रिकेटरों को लगता होगा कि टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला तो कोई बात नहीं।
अब तक 188 टेस्ट मैचों में 15470 रन बना चुके तेंदुलकर ने कहा, यदि कोई टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता है तो उसे कड़ी मेहनत करने को तत्पर रहना होगा। मुझे यह पसंद नहीं है कि किसी को टेस्ट क्रिकेट से प्यार करने के लिए मजबूर किया जाए ।
खिलाड़ियों के साथ बेहतरीन तालमेल बनाने में कैसे कामयाब रहे, यह पूछने पर उन्होंने कहा, एक दूसरे का स्वभाव, आदत और विभिन्न हालात में प्रतिक्रियाओं के बारे में जानना जरूरी है । मैने इस टीम के साथ काफी समय खेल लिया है। एक समय ऐसा था जब मैं भारतीय टीम में छह साल से खेल रहा था जब राहुल और सौरव आए थे।
तेंदुलकर ने कहा, हर पीढ़ी में प्रक्रिया चलती रहती है। मैंने सभी के साथ खेला है लिहाजा सभी के साथ अच्छा तालमेल है। उन्होंने यह भी कहा कि टेस्ट मैच लगातार जीतने के लिए 20 विकेट लेना जरूरी है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 11, 2012, 18:14