Last Updated: Sunday, July 14, 2013, 16:43

नई दिल्ली : महेंद्र सिंह धोनी के क्रिकेट कौशल के कायल भारत के अंडर 19 कप्तान विजय जोल ने कहा कि वह फ्रंट से अगुवाई करने वाले सीनियर कप्तान के गुणों को अपनाना चाहते हैं। ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर फाइनल में हराकर अंडर 19 श्रृंखला जीतकर लौटे जोल ने कहा, वेस्टइंडीज में खेल रही सीनियर टीम के उम्दा प्रदर्शन से भी हमें प्रेरणा मिली। खास तौर पर जरूरत के समय जिस तरह धोनी ने फाइनल में खेला, वह अनुकरणीय है। उन्हें खेल की अपार समझ है और मैदान पर उनका रवैया काबिले तारीफ होता है।
उन्होंने यह भी कहा, अगर मैं धोनी का पचास फीसदी भी अपना सकूं तो मेरे लिये काफी होगा। उनकी बल्लेबाजी, उनकी कप्तानी सब शानदार है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि वह दबाव में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करते हैं। अंडर 19 श्रृंखला में अच्छे प्रदर्शन का श्रेय पूरी टीम को देते हुए जालना के इस युवा बल्लेबाज ने कहा,हमने पिछले एक महीने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में काफी मेहनत की थी। आपस में जबर्दस्त तालमेल बन गया था। यह जीत एक-दो खिलाड़ियों के दम पर नहीं बल्कि पूरी टीम और सहयोगी स्टाफ के प्रयासों से मिली है। उन्होंने कहा, मैं पहली बार कप्तानी कर रहा था और अधिकांश खिलाड़ियों का भी यह पहला टूर्नामेंट था लेकिन हमने दबाव का बखूबी सामना किया। ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर हराना वाकई खास है और हमारी मानसिक दृढता ने हमें विजयी बनाया।
जोल ने स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल से पहले खिलाड़ी नर्वस थे लेकिन उन्होंने सभी को अपना शत प्रतिशत योगदान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर फाइनल से पहले नर्वस होना स्वाभाविक था। मैंने सिर्फ खिलाड़ियों से नतीजे की परवाह किये बिना अपना शत प्रतिशत देने के लिये कहा जो उन्होंने किया भी। मुझे फख्र है कि इतनी अच्छी टीम की कप्तानी का मुझे मौका मिला। मैन ऑफ द सीरिज रहे जोल ने अपने निजी प्रदर्शन के बारे में कहा कि वह इससे खुश हैं लेकिन अभी उन्हें लंबा सफर तय करना है।
उन्होंने कहा, मैं खुश हूं कि टीम की मोर्चे से अगुवाई कर सका। लेकिन अभी यह शुरूआत भर है और मुझे लंबा सफर तय करना है। निश्चित तौर पर सीनियर टीम में जगह बनाना मेरा भी सपना है लेकिन अभी मैं श्रृंखला दर श्रृंखला लक्ष्य तय कर रहा हूं। फिलहाल मेरा लक्ष्य इस महीने के आखिर में श्रीलंका दौरे पर अच्छा प्रदर्शन करना है। वीरेंद्र सहवाग की आक्रामकता और युवराज सिंह के जुझारूपन से सीखने वाले जोल के भीतर क्रिकेटर बनने शौक बचपन में सचिन तेंदुलकर को खेलते देखकर पैदा हुआ।
जोल ने कहा, मेरे परिवार में कोई भी खिलाड़ी नहीं है लेकिन मेरे पिता को खेल की काफी समझ है। मैं सात साल की उम्र से खेल रहा हूं। जब मैं छोटा था, तब देश भर में सचिन का क्रेज देखा है और उसी से मुझे भी क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिली। पसंदीदा क्रिकेटरों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, मुझे सहवाग की आक्रामकता और युवराज का जुझारूपन बहुत पसंद है। जिस तरह से कैंसर से उबरने के बाद उन्होंने वापसी की, वह हम सभी के लिये प्रेरणा हैं। ऑस्ट्रेलिया के माइकल हस्सी भी मेरे पसंदीदा क्रिकेटर हैं।
आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के सदस्य जोल को एक भी मैच खेलने को नहीं मिला लेकिन उन्हें इसका मलाल नहीं है। जोल ने कहा, मैने इसको सकारात्मक तरीके से लिया। इतने बड़े क्रिकेटरों के साथ ड्रेसिंग रूम बांटने का मौका मिला जिससे मैने काफी कुछ सीखा। खेलने का मौका तो भविष्य में मिल ही जायेगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 14, 2013, 16:43