Last Updated: Friday, November 2, 2012, 13:07

मुंबई : सचिन तेंदुलकर ने अपनी कई पुरानी यादों को ताजा किया, लेकिन इसमें फर्क इतना था कि उन्होंने क्रिकेट पर बात नहीं की। इस दिग्गज बल्लेबाज ने इसके बजाय दो दशक के अपने करियर के दौरान टीम के साथ देश और विदेशों के दौरे में पाक कला और भोजन के अपने अनुभवों पर बात की। उन्होंने कई दिलचस्प बातें बताईं।
इनमें यह बात भी शामिल थी कि किस तरह से विश्व कप 2003 में पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी की त्रिमूर्ति वसीम अकरम, वकार यूनुस और शोएब अख्तर का सामना करने से पहले उन्होंने लंच करने के बजाय ढेर सारी आईसक्रीम खाई। भारत ने यह मैच छह विकेट से जीता था और तेंदुलकर ने 75 गेंद पर 98 रन बनाए थे। उन्हें मैन आफ द मैच चुना गया था।
तेंदुलकर ने अच्छे भोजन के प्रति अपनी आसक्ति का खुलासा कल रात यहां पाक कला से संबंधित किताब के विमोचन के अवसर पर किया। उन्होंने कहा कि लंच के समय मैंने केवल आईसक्रीम ली थी। मैंने इसके अलावा कुछ नहीं लिया था। मैंने अपना हेडफोन चला रखा था और मैं किसी की बात नहीं सुनना चाहता था। मैंने ढेर सारी आईसक्रीम ली और उसे चट कर गया। मैंने कहा था कि जब भी अंपायर मैदान पर जाएं तो मुझे बता दें। अंपायर जैसे ही मैदान पर पहुंचे मैंने अपना हेडफोन उतारा और बल्लेबाजी के लिये चला गया। आईसक्रीम बहुत स्वादिष्ट थी।
तेंदुलकर ने कहा कि टीम ने इस जीत का जश्न दक्षिण अफ्रीका में ढाबों पर सड़क के किनारे खाना खाकर मनाया। उन्होंने कहा कि मैच के तुरंत बाद हमने फैसला किया जहां भी हम जाएंगे साथ में रहेंगे। यह बड़ा दिन था और हमें साथ में जश्न मनाना था। इसलिए हम सीधे सड़क के किनारे ढाबे में खाने के लिये चले गए। वह टूर्नामेंट का सबसे महत्वपूर्ण मैच था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का पहला दौरा यादगार था। मैं नाश्ते में कीमा परांठा और फिर लस्सी लेता था और उसके बाद रात के भोजन के बारे में सोचता था। अभ्यामस सत्र के दौरान लंच नहीं रहता था क्योंकि मैं नाश्ते में काफी खा लेता था और दोपहर में लंच या स्नैक लेने के बारे में नहीं सोचता था। मैं तब केवल 16 साल का था और मेरा शारीरिक विकास हो रहा था।
तेंदुलकर ने कहा कि यह अद्भुत अनुभव था क्योंकि जब मैं वापस मुंबई आया और मैंने अपना वजन देखा तो उस पर मुझे विश्वास नहीं हुआ। लेकिन जब भी मैं पाकिस्तान गया तो वहां का भोजन बहुत स्वादिष्ट था। इसके स्वाद का जवाब नहीं था और मैं अपने वजन को लेकर सजग रहता था। विश्व क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले तेंदुलकर ने बताया कि एक बार उन्होंने पूरी टीम के लिये खाना बनाया था और ऐसा आज तक उनके किसी साथी ने नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 1997 या 1998 में हम दिल्ली में थे। पूरी टीम डिनर के लिये अजय जडेजा के घर पर गई थी। मैं वहां आधे घंटे पहले पहुंच गया था और मैंने पूरी टीम के लिये बैंगन परांठा बनाया था।
खाने के शौकीन तेंदुलकर ने कहा कि वह विशेष अवसरों पर घर में भी खाना बनाते हैं और जब वह फिश करी बनाते हैं तो उनकी पत्नी बड़े चाव से उसे खाती हैं। उन्होंने कहा कि मैंने उसके (पत्नी अंजलि) लिये खाना बनाया है। मैं अब भी ऐसा करता हूं। हमेशा नहीं लेकिन कुछ अवसरों पर मैंने सारा (पुत्री), अजरुन (पुत्र) और अंजलि के लिए नाश्ता बनाया। पहले मैं नियमित तौर पर ऐसा करता था लेकिन अब खास अवसरों पर ही ऐसा करता हूं।
इस स्टार बल्लेबाज ने कहा कि किशोरावस्था में उन्हें केवल महाराष्ट्र का भोजन बनाना ही आता था लेकिन लगातार यात्राओं के दौरान उन्होंने अन्य तरह का खाना बनाना भी सीखा। उन्होंने कहा कि मैं इंग्लैंड दौरे पर गया तो पहली बार मैंने वहां कोल्ड चिकन के बारे में सुना। मैंने उसे खाया। मैं समझता हूं कि क्रिकेट इतना महत्वपूर्ण और रोमांचक होता है कि हम खाने के बारे में भूल जाते थे। शाम का समय थोड़ा मुश्किल होता था। उन दिनों आप बर्गर से काम चला सकते थे लेकिन अब नहीं।
तेंदुलकर ने कहा कि मैं 25 साल से यात्रा कर रहा हूं और इस दौरान मैंने तमाम तरह का भोजन किया। मैं अच्छे भोजन और अच्छे स्वाद की तारीफ करता हूं। कई बार डाइट के बारे में सोचे बिना आप जो चाहते हो उसको खाना अच्छा रहता है। उन्होंने कहा कि वह जापानी खाने के शौकीन हैं और एक बार सुरेश रैना के साथ रेस्टोरेंट चले गये थे हालांकि उन्हें इसके अंत का पता नहीं था। तेंदुलकर ने कहा कि मुझे तीन साल पहले की बात याद है। मैं सुरेश रैना को लेकर जापानी रेस्टोरेंट गया जो बुरा नहीं था। मुझे नहीं पता था कि वह आना चाहता था या नहीं क्योंकि मैं बहुत उत्साहित था। मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हारा जापानी भोजन से परिचय करवाता हूं। उसे वह पसंद आया।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि उसने इसके बाद जापानी भोजन किया या नहीं। तब उसने साशिमी और सुशी का जरूर भरपूर आनंद लिया था मैंने गार्लिक फ्राइड राइस भी मंगवाया था जो उसके लिये खाना मुश्किल नहीं था। तेंदुलकर ने कहा कि जब भी वह नए रेस्टोरेंट में जाते थे तो अक्सर मुंबई के साथी जहीर खान और अजित अगरकर को साथ में लेकर जाते थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 2, 2012, 13:07