Last Updated: Friday, September 7, 2012, 13:51

विशाखापट्टनम : कैंसर को मात देकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने वाले भारत के विश्व कप के नायक युवराज सिंह शनिवार को यहां जब न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में मैदान पर उतरेंगे तो सभी की निगाहें बाएं हाथ के इस बल्लेबाज पर ही टिकी रहेंगी।
युवराज विश्व कप 2011 में मैन आफ द टूर्नामेंट चुने गए थे लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही पता चला था कि उनके दोनों फेफड़ों के बीच में कैंसर है। जब यह पता लगा तो उनका करियर खतरे में दिखने लगा लेकिन उन्होंने कीमोथेरेपी के तीन चरणों से गुजरने के बावजूद कुछ महीनों बाद ही क्रिकेट में वापसी कर ली।
इस 30 वर्षीय क्रिकेटर ने बेंगलूर की नेशनल क्रिकेट अकादमी में कड़ा अभ्यास किया है और जब कल वह मैदान पर उतरेंगे तो अपनी खास छाप छोड़ना चाहेंगे।
क्रिकेट के मैदान पर ऐसा कभी नहीं हुआ तथा युवराज जब नौ महीने के बाद फिर से भारतीय पोशाक पहनेंगे तो निश्चित तौर पर इससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरित होंगी। अमेरिका में उपचार के बाद मीडिया की आंखों का तारा बनने के बावजूद युवराज ने अपनी फिटनेस और फुर्ती हासिल करने के लिए एनसीए में जमकर पसीना बहाया।
वह कल बेहतरीन वापसी करने में सफल रहते हैं या नहीं लेकिन सचाई यही है कि उन्होंने कैंसर को मात देकर वापसी की और यह आगे क्रिकेटिया किस्सों का अहम हिस्सा बन जाएगा।
युवराज ने कहा, मैंने एनसीए में तीन अभ्यास मैच खेले। मुझे न्यूजीलैंड के खिलाफ आठ और 11 सितंबर को होने वाले दो मैचों में मैच अभ्यास का मौका मिलेगा। इसके बाद मैं दो और अभ्यास मैच खेलूंगा। इस तरह से विश्व कप से पहले मैं सात मैच खेल लूंगा। यह मेरे लिए पर्याप्त मैच अभ्यास होगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 7, 2012, 13:51