Last Updated: Friday, December 7, 2012, 20:27
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली : खेल मंत्रालय ने भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ (आईएबीएफ) और भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) की मान्यता शुक्रवार को चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का हवाला देते हुए रद्द कर दी। खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि एएआई ने खेल कोड का उल्लंघन किया जबकि मुक्केबाजी संघ चुनाव प्रक्रिया में दोषी था। इससे पहले, अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने आईएबीएफ को चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का हवाला देते हुए अस्थायी रूप से निलम्बित कर दिया था।
एएआई के चुनाव नवम्बर में सम्पन्न हुए थे जिसमें विजय कुमार मल्होत्रा को लगातार दसवीं बार अध्यक्ष चुना गया था। ताजा घटनाक्रम में आज खेल मंत्रालय ने भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी। मंत्रालय ने यह फैसला पिछले महीने के चुनावों के दौरान सरकार की खेल संहिता के उम्र और कार्यकाल संबंधी दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने के कारण उठाया है। खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘भारतीय तीरंदाजी संघ ने नौ नवंबर को अपने चुनाव करवाए थे। तीरंदाजी संघ ने इन चुनावों में खेल संहिता में लागू उम्र और कार्यकाल संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया।’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय तीरंदाजी संघ के निर्वाचित अध्यक्ष पहले लगातार तीन कार्यकाल तक काम कर चुके हैं और उनकी उम्र 70 साल से भी अधिक है।’ मंत्री ने कहा, ‘उच्च न्यायालय ने 15 फरवरी 2012 और 17 नवंबर 2012 को निर्देश दिये थे कि यदि भारतीय तीरंदाजी संघ खेल संहिता के अनुसार चुनाव नहीं कराता तो सरकार उसे मान्यता नहीं दे। उच्च न्यायालय के निर्देशों को देखते हुए सरकार के पास भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’
पिछले महीने के चुनावों में 80 से भी अधिक साल के विजय कुमार मल्होत्रा को दसवें कार्यकाल के लिये एएआई का अध्यक्ष चुना गया। वह पिछले 40 साल से इस पद पर बने हुए हैं। खेल संहिता के तहत यह उम्र और कार्यकाल संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। खेल मंत्रालय ने एएआई को खेल संहिता के तहत नये सिरे से चुनाव कराने की सलाह दी है। जितेंद्र ने एएआई को अपने संविधान में संशोधन करके उसे खेल संहिता और ओलंपिक चार्टर के अनुरूप तैयार करने के लिए कहा।
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ने चुनाव में धांधली का हवाला देकर भारतीय मुक्केबाजी महासंघ को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। इसके बाद सरकार ने भी महासंघ की मान्यता रद्द कर दी। आईओसी द्वारा भारतीय ओलंपिक संघ की मान्यता रद्द किए जाने के बाद आईएबीएफ को निलंबित किये जाने से भारतीय खेलों को एक नई शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।
एआईबीए ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय ओलंपिक संघ पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा लगाए गए निलंबन के बाद अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) की कार्यकारी समिति ने आज तय किया कि भारतीय अमैच्योर मुक्केबाजी महासंघ को भी अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया जाए।’
इसमें कहा गया, ‘यह अस्थायी निलंबन इसलिए भी है क्योंकि एआईबीए को पता चला है कि आईएबीएफ के हालिया चुनाव में धांधली हुई है।’ इसमें कहा गया, ‘एआईबीए अब चुनाव की जांच करेगा। आईओए अध्यक्ष और आईएबीएफ के पूर्व अध्यक्ष तथा आईएबीएफ चुनाव के बीच राजनीतिक सांठगांठ की भी जांच की जाएगी।’
सितंबर में हुए चुनाव में निवृतमान अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला को मनोनीत अध्यक्ष के रूप में संगठन में रखा गया है। चौटाला आईओसी के निलंबन के बावजूद हुए आईओए चुनाव में अध्यक्ष चुने गए हैं।
इस घटनाक्रम से आईओए अध्यक्ष के रूप में चौटाला के चुनाव पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है क्योंकि वह आईएबीएफ प्रतिनिधि के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे। उनके करीबी रिश्तेदार और राजस्थान से भाजपा विधायक अभिषेक मटोरिया को आईएबीएफ का नया अध्यक्ष बनाया गया है। खबर जारी होने के कुछ घंटे बाद ही खेल मंत्रालय ने भी ‘चुनाव में धांधली’ का हवाला देकर आईएबीएफ की मान्यता रद्द कर दी।
खेलमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘आईएबीएफ को इसलिए निलंबित किया गया क्योंकि चुनाव सही तरीके से नहीं हुए थे। नामांकन के लिये समय भी बहुत कम दिया गया। जब नामांकन नहीं मिले तो लोगों को खुद चुन लिया गया। हमने उन्हें फिर से चुनाव कराने के लिये 15 दिन का समय दिया है।’ निलंबन से आहत चौटाला ने कहा कि वह पद से हटने को तैयार हैं और एआईबीए की मान्यता दोबारा हासिल करने के लिए फिर से चुनाव कराने को भी।
यह पूछने पर कि सरकार ने कार्रवाई करने में इतना लम्बा समय क्यों लिया, इस पर खेल सचिव पी.के. देव ने कहा, 'हम भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के चुनाव के परिणाम का इंतजार कर रहे थे। यह बस संयोग है कि हम इस वक्त ऐसे निर्णय पर पहुंचे।'
First Published: Friday, December 7, 2012, 10:03