भारत अब दो क्रिकेट टीम उतार सकता है: बोर्डे

भारत अब दो क्रिकेट टीम उतार सकता है: बोर्डे

भारत अब दो क्रिकेट टीम उतार सकता है: बोर्डे नोएडा : पूर्व कप्तान चंदू बार्डे ने जोर देते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्जवल है और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की भरमार को देखते हुए भारत आसानी से दो राष्ट्रीय टीमें उतार सकता है।

बोर्डे ने शनिवार को यहां अपने नाम पर बनी क्रिकेट अकादमी का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘अब हमारे देश में इतनी प्रतिभा है कि हम आसानी से दो टीमें बना सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय क्रिकेट का भविष्य बहुत उज्जवल है।’

दो बार राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष रह चुके बोर्डे ने कहा कि मौजूदा समय में घरेलू क्रिकेट के जीर्णोद्धार से खिलाड़ियों को अपनी काबिलियत दिखाने के काफी मौके मिलते हैं।

बोर्डे ने कहा, ‘हालांकि, खिलाड़ियों को अब रणजी ट्राफी मं लीग प्रणाली के कारण अपनी प्रतिभा दिखाने का काफी मौका मिलता है। हमारे दिनों में यह नाकआउट टूर्नामेंट था, बहुत कम खिलाड़ियों को खुद की काबिलियत दिखाने का एक से ज्यादा मौका मिलता था।’

उन्होंने कहा कि देश में खुली क्रिकेट अकादमियां, जैसी का आज उन्होंने उद्घाटन किया, भी युवा प्रतिभाओं को निखारने में मददगार साबित हो रही हैं।

बोर्डे ने कहा, ‘अकादमियां युवा प्रतिभा को तराशने और निखारने में मदद करती हैं। यह भी अच्छा है कि कई पूर्व क्रिकेटर, जिसमें रणजी ट्राफी खिलाड़ी भी शामिल हैं, भी खेल के विकास के लिये स्कूलों और कालेज से किसी ने किसी तरह से जुड़े हुए हैं।’ उन्हें लगता है कि अब भारतीय क्रिकेटरों का क्षेत्ररक्षण काफी सुधरा हुआ है जबकि बीते समय में ऐसा नहीं था।

भारत की ओर से 55 टेस्ट मैचों में खेल चुके बोर्डे ने कहा, ‘हमारे दिनों में क्षेत्ररक्षण के लिये ट्रेनिंग कराने के लिये हमारे पास कोई नहीं था।’

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान भी बोर्डे से सहमत थे और उन्होंने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग ने भारतीय खिलाड़ियों के क्षेत्ररक्षण स्तर में सुधार करने में बड़ी भूमिका अदा की है।

उन्होंने कहा,‘अब कोई भी क्षेत्ररक्षण करते हुए उछलने, लुड़कने और डाइव करने में हिचकता नहीं है।’ चौहान इस उद्घाटन समारोह में अतिथि थे। उन्होंने कहा, ‘पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर का मतलब दिल्ली, मुंबई, बेंगलूर, हैदराबाद, मद्रास (अब चेन्नई) और कोलकाता के खिलाड़ी हुआ करते थे लेकिन अब भारतीय टीम में छोटे शहरों के कई खिलाड़ी हैं।’

बीसीसीआई को आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत लाने के लिये चल रहे वाद विवाद के बारे में पूछने पर चौहान ने कहा, ‘सिर्फ बीसीसीहआई ही क्यों, देश की सभी खेल संस्थाओं को आरटीआई के अंतर्गत लाना चाहिए। आखिरकार ये संस्थायें लोगों के पैसों से चलती हैं। लेकिन यह मेरी व्यक्तिगत राय है, यह डीडीसीए की राय नहीं है।’ (एजेंसी)

First Published: Saturday, July 27, 2013, 21:06

comments powered by Disqus