Last Updated: Monday, July 29, 2013, 15:54

कोलकाता: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) स्पॉट फिक्सिंग कांड में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रमुख एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मइयप्पन और राजस्थान रॉयल्स टीम के सहमालिक राज कुंद्रा को क्लीन चिट दिया जाना बोर्ड की दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट पर सवाल खड़े करता है। इस रिपोर्ट के बाद श्रीनिवासन एक बार फिर से बोर्ड प्रमुख के पद पर सक्रिय हो सकते हैं लेकिन कुछ सदस्यों का मानना है कि यह तभी सम्भव है जब बोर्ड का कोई भी सदस्य जांच समिति की रिपोर्ट पर अंगुली नहीं उठाएगा।
बीसीसीआई को मुंबई पुलिस ने चिट्ठी लिखकर पूछा है कि किस कानून के तहत जांच अधिकारी पेश हो। यह भी कहा जा रहा है कि मयप्पन के खिलाफ मुंबई पुलिस के पास पुख्ता सबूत है।
ऐसा माना जा रहा है कि अधिकांश सदस्य इस रिपोर्ट को लेकर चुप्पी साधे रहेंगे लेकिन पूर्व प्रमुख इंद्रजीत सिंह बिंद्रा के इसके खिलाफ खुलकर सामने आने की उम्मीद है।
अगर इस मामले में जनहित याचिका दायर की जाती है तो फिर यह मामला अदालत में जा सकता है और इसका फैसला आने में वक्त लग सकता है। बिंद्रा ने इससे पहले बोर्ड के अंतरिम प्रमुख जगमोहन डालमिया को इस बात के संकेत दिए थे कि जांच समिति के सदस्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर. बालासुब्रमण्यन और जयराम टी. चौटा इस काम के लिए उपयुक्त नहीं थे क्योंकि ये पी. रमन के करीबी हैं। रमन को मइयप्पन के वकील के तौर पर जाना जाता है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मइयप्पन की गिरफ्तारी से यह साबित नहीं होता कि इंडिया सीमेंट्स कम्पनी किसी भी हाल में इस मामले में संलिप्त है। साथ ही साथ इससे यह भी साबित नहीं होता कि इंडिया सीमेंट्स के निदेशक श्रीनिवासन इससे जुड़े हैं। इसके अलावा इस बात के कोई सबूत नहीं है कि आईपीएल सट्टेबाजी में मइयप्पन ने चेन्नई सुपर किंग्स में लगा पैसा दांव पर लगाया है।
क्रिकेट जगत में यह चर्चा आम है कि अगर श्रीनिवासन दोबारा अपने पद पर सक्रिय होते हैं तो फिर इससे बोर्ड की छवि को गहरा आघात लगेगा और अगर इस मामले में मुम्बई पुलिस की जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आती हैं तो फिर बोर्ड को और किरकिरी झेलनी पड़ सकती है।
ऐसी आशंका है कि मुम्बई पुलिस सट्टेबाजी मामले में जो आरोपपत्र दाखिल करेगी, उसमें मइयप्पन का भी नाम होगा और इस कारण श्रीनिवासन तब तक सक्रिय न होने का इंतजार करना चाहेंगे और यही उनके हित में भी होगा।
ऐसी भी खबरे है कि जांच समिति को मुम्बई पुलिस से मइयप्पन को लेकर कोई सहयोग नहीं मिला था और समिति ने इस बारे में तथ्य जुटाने के लिए मीडिया रिपोर्ट और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया का सहारा लिया है।
ऐसा कहा जा रहा है कि जब समिति ने मुम्बई पुलिस ने सहयोग मांगा था, तब उसने समित से पूछा था कि आखिरकार किस अधिकार से वह उससे इस मामले में सहयोग की उम्मीद कर रही है। बोर्ड इसका कोई सटीक जवाब नहीं दे सका था। असल में बोर्ड के पास तो अपना कोई सबूत है ही नहीं।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान रॉयल्स टीम के तीन खिलाड़ियों के स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार होने के बाद आईपीएल-6 के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे हुए थे। इसमें से एक खुलासा श्रीनिवासन के दामाद और सुपर किंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मइयप्पन और कुंद्रा द्वारा आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाना भी शामिल था।
इसके बाद मइयप्पन को गिरफ्तार कर लिया गया और कुंद्रा से पूछताछ की गई। कुंद्रा ने स्वीकार किया था कि वह सट्टेबाजी में लिप्त थे। इसके बाद कुंद्रा को जांच पूरी होने तक लीग से निलम्बित कर दिया गया था। उधर, श्रीनिवासन ने भारी दबाव के बीच जांच पूरी होने तक बोर्ड में सक्रिय कामकाज से हाथ खींच लिया था
First Published: Monday, July 29, 2013, 15:54