Last Updated: Saturday, January 12, 2013, 08:48

राजकोट : दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी ने आज यहां इंग्लैंड के हाथों पहले वनडे में करीबी हार के बाद कहा कि यदि वह कुछ और ओवर क्रीज पर टिक जाते तो फिर उनकी टीम आसानी से 326 रन का लक्ष्य हासिल कर लेती। भारत यहां दस साल पहले लार्डस में दिखाये गये कारनामे की पुनरावृत्ति नहीं कर पाया लेकिन जब कप्तान धोनी और सुरेश रैना खेल रहे तो लक्ष्य आसान दिख रहा था। धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘लक्ष्य मुश्किल था लेकिन हमें इसे हासिल करना चाहिए था। आउटफील्ड तेज होने के कारण हमने 320 रन से अधिक की नहीं बल्कि 280 या 290 रन के लक्ष्य की उम्मीद की थी। मुझे कुछ और ओवर बल्लेबाजी करनी चाहिए थी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी को आखिर तक टिककर खेलना चाहिए और दूसरों को उसके इर्द गिर्द पारी आगे बढ़ानी चाहिए थी। यह मेरा अहंकार नहीं है लेकिन जब मैं और रैना क्रीज पर थे तो तब लक्ष्य आसान दिख रहा था क्योंकि पांच क्षेत्ररक्षक सर्किल के अंदर होते। लेकिन हमारे आउट होने के बाद लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो गया था। ’’ धोनी ने इसके साथ ही अपने स्पिनरों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘बीच के ओवरों में एक समय लग रहा था कि वे 340 के करीब स्कोर बना लेंगे लेकिन स्पिनरों ने हमें वापसी दिलायी। हमारा गेंदबाजी विभाग पूरी तरह से नया है। उसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव नहीं है। ’’
जब एक स्थानीय पत्रकार ने पूछा कि क्या टीम प्रबंधन ने रन मशीन चेतेश्वर पुजारा को बाहर बिठाकर गलत फैसला किया तो धोनी ने ‘न’ में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा मैंने कहा कि हमें कुछ विकेट बचाये रखने की जरूरत थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यदि मैं दो ओवर और टिक जाता तो स्थिति अलग होती। ’’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 12, 2013, 08:48