Last Updated: Sunday, August 11, 2013, 20:17

रांची : गांव में ईनाम में बकरी जीतने से लेकर पदक और नकद पुरस्कार जीतने तक जूनियर हॉकी टीम की गोलकीपर बिगन सोय ने अपने करियर में कई उतार चढाव देखे हैं। झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के बंदगांव के बाकी लड़के लड़कियों की तरह बिगन ने भी 12 बरस की उम्र से हॉकी खेलना शुरू कर दिया था। सबसे पहले उसने स्थानीय ‘खाशी’ टूर्नामेंट जीता जिसमें ईनाम में बकरी मिली थी।
जर्मनी के मोंशेंग्लाबाख में जूनियर विश्व कप में बेहतरीन प्रदर्शन के लिये यहां आयोजित सम्मान समारोह में सोय ने कहा, मैने बांस की स्टिक से खेलना शुरू किया था। कुछ खाशी टूर्नामेंट में बकरियां जीती जिसके बाद हॉकी अभ्यास के लिये चयन हुआ और रांची के बरियातू स्कूल में प्रवेश मिल गया।
सोय ने कहा, मैं बहुत खुश हूं। मैने जब बांस की स्टिक से खेलना शुरू किया था तब सोचा भी नहीं था कि ऐसा एक सम्मान समारोह मेरे लिये होगा । झारखंड सरकार ने बिगन को पांच लाख रूपये पुरस्कार देने का ऐलान किया जबकि हॉकी झारखंड उसे 51000 रूपये देगा। बिगन ने जूनियर विश्व कप में भारत की कांस्य पदक जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
चार अगस्त को जूनियर विश्व कप के कांस्य पदक मुकाबले में इंग्लैंड को पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से हराकर भारत ने कांस्य पदक जीता था और बिगन ने उस जीत में अहम भूमिका निभाई थी। बिगन ने कहा कि यदि वह फारवर्ड के तौर पर खेलती रहती तो कामयाब नहीं होती।
उसने कहा,मैंने अपना करियर फारवर्ड के रूप में शुरू किया था लेकिन यदि उसी पोजिशन पर खेलती तो कामयाब नहीं होती। मेरे कोच ने मुझे गोलकीपिंग करने की सलाह दी। मैं तैयार हो गई और वह फैसला सही साबित हुआ। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 11, 2013, 20:17