रिकी पोंटिंग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा- 'अलविदा'

रिकी पोंटिंग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा- 'अलविदा'

रिकी पोंटिंग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा- 'अलविदा'पर्थ : वर्षों तक आस्ट्रेलियाई मध्यक्रम की जिम्मेदारी संभालने वाले मौजूदा क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक रिकी पोंटिंग ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की जिससे उनका 17 साल का चमकदार करियर समाप्त हो गया। पोंटिंग कल यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट में खेलने के बाद संन्यास ले लेंगे। पोंटिंग ने तुरत-फुरत बुलायी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह पिछले कुछ समय से ऐसा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे जिसकी वह इच्छा रखते थे, इसलिए वह संन्यास लेने का फैसला कर रहे हैं।

पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान अगले महीने 38 साल के हो जाएंगे। उन्होंने 167 मैचों में 52.21 के औसत से 13,366 टेस्ट रन बनाए हैं और वह भारत के सचिन तेंदुलकर (192 मैचों में 15562 रन) के बाद रन जुटाने में दूसरे नंबर पर हैं। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 1995 में जिस मैदान पर टेस्ट आगाज किया था, उसी पर वह टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहेंगे। पोंटिंग ने 375 वनडे खेले हैं और इसमें 30 शतक जड़कर 42.03 के औसत से 13,704 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 164 रन का रहा। हालांकि इस साल फरवरी में टीम से बाहर किये जाने के बाद वह वनडे में नहीं खेले।

भावुक पोंटिंग के साथ कांफ्रेस में पूरी आस्ट्रेलियाई टीम मौजूद थी, उन्होंने कहा, ‘कुछ घंटे पहले मैंने टीम को बताया कि यह आगामी टेस्ट मेरा अंतिम टेस्ट होगा। यह ऐसा फैसला है जिसके बारे में मैंने लंबे समय तक सोच विचार किया। आखिरकार यह (संन्यास लेना) मेरे प्रदर्शन पर निर्भर करता।’ पोंटिंग ने कहा, ‘मेरा प्रदर्शन उस स्तर का नहीं रहा, जिसकी बल्लेबाजी में जरूरत होती और आस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ी के लिये जिसकी आवश्यकता है। मैंने क्रिकेट को अपना सबकुछ दिया। मैं पिछले 12-18 महीने से लगातार अच्छा नहीं कर पा रहा था। मुझे लगा कि अब यह फैसला करने का सही समय है।’

‘ग्रेहाउंड रेसिंग’ में शर्त लगाकर हमेशा जीतने वाले पोंटिंग को ‘पंटर’ नाम साथी खिलाड़ी शेन वार्न ने इसी शर्त जीतने की कला के लिए दिया था। उन्होंने 41 शतक जड़े हैं जिससे वह सर्वकालिक सूची में तेंदुलकर (51) और दक्षिण अफ्रीका के जाक कैलिस (44) के बाद तीसरे स्थान पर हैं। भारत के खिलाफ उन्होंने 29 मैचों की 51 पारियों में 54.36 के औसत से 2555 रन जुटाये हैं जिसमें उन्होंने दिसंबर 2003 में मेलबर्न में तीसरे टेस्ट की पहली पारी में सर्वाधिक 257 रन बनाये।

पोंटिंग के नाम भारत के खिलाफ तीन दोहरे शतक, पांच शतक और 12 अर्धशतक हैं। हालांकि बायें हाथ के बल्लेबाज का भारतीय सरजमीं पर रिकार्ड काफी खराब है जिसमें उन्होंने छह दौरों पर 14 मैचों की 25 पारियों में सामान्य 26.48 के औसत से केवल 662 रन बनाये हैं। उन्होंने अक्तूबर 2008 में बेंगलूर टेस्ट की पहली पारी में 123 रन से भारत में केवल एक शतक जमाया है। भारत में उन्होंने पांच अर्धशतक बनाये।

ऐसी रिपोर्टें भी आ रही थीं कि पोंटिंग ने तीसरे टेस्ट से पहले चयनकर्ताओं से मुलाकात की थी क्योंकि वह तीन मैचों की श्रृंखला के शुरूआती दो मैचों में विफल रहे थे। लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपनी शर्तों पर खेल से संन्यास ले रहे हैं। पोंटिंग ने कहा, ‘मैं खुश हूं कि मुझे अपनी शर्तों पर करियर खत्म करने का मौका मिला। यह फैसला चयनकर्ताओं का नहीं मेरा है।’ उनकी पत्नी रियाना और दो बेटियां एमी और माटिसे, मैनेजर जेम्स हेंडरसन भी संन्यास की घोषणा के वक्त उनके साथ थे। उन्होंने कहा कि वह इस सत्र में तस्मानिया की ओर से खेलना जारी रखेंगे।
पोंटिंग अपने 168वें टेस्ट मैच में संन्यास लेंगे जो पूर्व कप्तान स्टीव वॉ के रिकार्ड की बराबरी होगी जिन्होंने आस्ट्रेलियाई इतिहास में सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं।

यह तस्मानियाई क्रिकेटर आस्ट्रेलिया के सर्वकालिक रन जुटाने वाले खिलाड़ियों में शीर्ष पर है और उन्हें सर डान ब्रैडमैन के बाद महान आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज कहा जाता है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में उनकी खराब शुरूआत रही जिसमें ब्रिसबेन और एडिलेड में उनका स्कोर काफी कम रहा है, पोंटिंग ने कहा कि वह अपने आउट होने के निराशाजनक तरीके से काफी परेशान थे।

संन्यास के बाद उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछने पर पोंटिंग ने अपनी पत्नी और बच्चों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘मेरे पास अभी क्रिकेट के कुछ महीने बचे हैं, जिनमें मैं सर्वश्रेष्ठ करना चाहता हूं। मैंने तस्मानिया के साथ खेलते हुए इस सत्र की शुरूआत का लुत्फ उठाया। लेकिन अब मेरी नयी टीम यही परिवार है।’ क्रिकेट में उनके योगदान के बारे में सवाल पूछने पर पोंटिंग ने सरल सा जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि मैंने क्रिकेट को सबकुछ दिया है। इसमें 20 साल हो गये हैं। मैं इससे ज्यादा नहीं दे सकता।’

प्रेस कांफ्रेस में बातचीत करने के बाद पोंटिंग के जाने के बाद रुआंसे आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क भावनाओं में इतने बह गए कि वह उनके बारे में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस फैसले का अहसास नहीं था। एडिलेड टेस्ट के बाद रिकी ने मुझसे बात की और इस फैसले के बारे में अवगत कराया, जिसके बारे में मैं पिछले कुछ दिन से अंदाजा लगा रहा था। खिलाड़ी इस समय काफी दुखी हैं। वह काफी लंबे समय तक शानदार खिलाड़ी रहे हैं। मुझे माफ करें, मैं इसका जवाब नहीं दे सकता।’

पोंटिंग दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला के पिछले दो टेस्ट की तीन पारियों में केवल 20 रन ही जुटा सके। उन्होंने इस साल जनवरी में एडिलेड में भारत के खिलाफ 221 रन बनाकर शतक जड़ने के बाद कोई लंबी पारी नहीं खेली। उनकी कप्तानी में टीम ने 77 टेस्ट मैच में से 48 में जीत दर्ज की, यह उपलब्धि किसी भी आस्ट्रेलियाई कप्तान के नाम नहीं है। वनडे टीम के कप्तान में भी उनकी सफलता दर 72 प्रतिशत की है, उनकी अगुवाई में टीम ने 228 मैचों में 164 में जीत दर्ज की।

उन्होंने पिछले साल मार्च में टेस्ट और वनडे टीम की कप्तानी छोड़ दी थी लेकिन बतौर खिलाड़ी खेलते रहे। पोंटिंग कैंसर के खिलाफ अभियान से भी जुड़े रहे हैं और उन्होंने पत्नी रियाना के साथ ‘द पोंटिंग फाउंडेशन’ भी बनायी जो इस बीमारी से पीड़ित युवा आस्ट्रेलियाईयों के लिए धन एकत्रित करती है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 29, 2012, 09:54

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