Last Updated: Wednesday, May 9, 2012, 15:53
नई दिल्ली : बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता सुशील कुमार ने भले ही दो बार मौके गंवाने के बाद लंदन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया हो लेकिन इससे उनका आत्मविश्वास नहीं डिगा है और इस पहलवान की निगाहें इस खेल महाकुंभ में स्वर्ण पदक जीतने पर लगी हैं।
सुशील ने चार साल पहले बीजिंग में कांस्य और 2010 में मास्को में विश्व चैंपियनशिप में 66 किग्रा में स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रचा था। इसके बाद हालांकि वह विश्व चैंपियनशिप 2011 में अपना खिताब बचाने में नाकाम रहे और फिर एशियाई क्वालीफिकेशन के जरिये लंदन ओलंपिक के लिये क्वालीफाई नहीं कर पाए। लेकिन सुशील ने चीन के तायुआन में विश्व क्वालीफायर में स्वर्ण पदक जीतकर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया।
सुशील ने कहा, ‘मुझ पर कभी किसी तरह का दबाव नहीं था। यदि मैं दबाव के बारे में सोचता तो मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता। मैं केवल कड़ी मेहनत में विश्वास रखता हूं। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और मैं पिछले ओलंपिक की तुलना में इस बार बेहतर प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हूं।’ उन्होंने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा कंधा चोटिल हो गया था और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया लेकिन कोच जानते थे कि मैं चीन में अच्छा प्रदर्शन कर सकता हूं। मुझे खुद पर विश्वास था और मेरे करीबी लोगों को भी विश्वास था कि मैं क्वालीफाई करने में सफल रहूंगा। वे मुझे प्रेरित करते रहे।’
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 9, 2012, 21:23