Last Updated: Friday, August 9, 2013, 18:19

क्वांगचो: भारत की युवा महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने शुक्रवार को विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के एकल वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचकर अपने लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया लेकिन सायना नेहवाल और पारूपल्ली कश्यप को निराशा हाथ लगी। प्री-क्वार्टर फाइनल में मौजूदा चैम्पियन चीन की यिहान वांग को हराने वाले सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में चीन की ही शिजियान वांग को 21-18, 21-17 से हराया। यह मैच 55 मिनट चला।
सातवीं वरीय वांग और 10वीं वरीय सिंधु के बीच यह दूसरी भिड़ंत थी। दोनों ही बार सिंधु ने बाजी मारी है। इससे पहले उन्होंने इस साल एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में वांग को पराजित किया था।
सिंधु ने अपने लिए पदक पक्का किया। सिंधु देश के लिए विश्व चैम्पियनशिप में व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली महिला बन गई हैं। यह गौरव सायना को मिल सकता था लेकिन वह चूक गईं। इसी तरह कश्यप भी भारत की झोली को आबाद नहीं कर सके। ये दोनों शुक्रवार को ही क्वार्टर फाइनल मैच में हार गए।
सायना चौथी बार क्वार्टर फाइनल में हारी हैं। इससे पहले वह 2009, 2010 और 2011 में अंतिम-8 दौर में हार गई थीं।
टूर्नामेंट की तीसरी वरीय खिलाड़ी सायना को कोरिया की इयोन जू बेई ने 23-21 21-9 से मात दी। टूर्नामेंट की 13वीं वरीय बेई और सायना के बीच इससे पहले सात बार भिड़ंत हुई थी।
पांच बार सायना विजयी रही थीं, जबकि दो बार बेई ने जीत हासिल की थी। अंतिम बार सायना ने बेई को 2012 डेनमार्क ओपन में हराया था लेकिन एक साल बाद ही बेई ने सायना से हिसाब बराबर कर लिया।
लंदन ओलम्पिक में अंतिम-8 दौर तक का सफर तय करने वाले कश्यप ने प्री-क्वार्टर फाइनल में छठे वरीय हांगकांग के खिलाड़ी युन हू को हराया था लेकिन क्वार्टर फाइनल में वह तीसरे वरीय चीनी खिलाड़ी पेंग्यू दू के खिलाफ 16-21 22-20 21-15 से हार गए। यह मैच 1 घंटा 15 मिनट चला।
सिंधु से पहले भारत ने इस चैम्पियनशिप में सिर्फ दो पदक जीते थे। 1983 में प्रकाश पादुकोण ने कोपेनहेगन में कांस्य जीता था जबकि उसके 28 साल बाद ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में लंदन में महिला युगल का कांस्य हासिल किया था। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 9, 2013, 18:19