नई दिल्ली : इंग्लैंड की गलतियों से सबक लेने वाली भारतीय क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ रविवार से शुरू होने वाली तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में भिड़ेगी। अनुकूल परिस्थितियों और कुछ शीर्ष खिलाड़ियों की वापसी का फायदा उठा, भारत नंबर एक का ताज वापस हासिल करने और अभियान की सकारात्मक शुरुआत करने की कोशिश करेगी।
महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम को हाल में इंग्लैंड दौरे में चारों टेस्ट मैच गंवाने पड़े जिससे उसकी नंबर एक रैंकिंग भी छिन गई। उसने हाल में इंग्लैंड को एकदिवसीय श्रृंखला में हराया लेकिन टेस्ट मैचों में फिर से शीर्ष पर पहुंचने की कवायद वह वेस्टइंडीज के खिलाफ ही शुरू करेगा जो बांग्लादेश से श्रृंखला जीतकर यहां पहुंचा है। सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के फिट होने तथा सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह के भी चोटों से उबरने के बाद पिछले दस महीने में पहली बार भारत अपने मजबूत बल्लेबाजी क्रम के साथ उतरेगा।
सबकी नजर तेंदुलकर पर टिकी रहेंगी जिन्हें 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा करने के लिए केवल एक सैकड़े की दरकार है। उम्मीद की जा रही है कि वह फिरोजशाह कोटला में ही यह उपलब्धि हासिल करेंगे। अपनी बल्लेबाजी के दम पर भारत कागजों में कैरेबियाई टीम से मजबूत दिख रहा है लेकिन धोनी की टीम डेरेन सैमी के खिलाड़ियों को कतई कमजोर आंकने की गलती नहीं करेगी।
वेस्टइंडीज ने हाल में लगभग आठ साल बाद विदेशी सरजमीं पर श्रृंखला जीती। कुछ युवा बल्लेबाजों तथा तेज और स्पिन के अच्छे मिश्रण वाले आक्रमण के दम पर वह भारत को कड़ी चुनौती देने का माद्दा रखता है। शीर्ष बल्लेबाजों और कुछ प्रतिभाशाली युवा गेंदबाजों का चयन करके हालांकि भारत ने संकेत दे दिए कि वह वेस्टइंडीज को कम करके नहीं आंक रहा है।
वेस्टइंडीज की पूरी टीम ने जहां कुल 353 टेस्ट मैच खेले हैं वहीं भारत से तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के नाम पर ही मिलाकर 464 टेस्ट दर्ज हैं। वेस्टइंडीज भी भारतीय बल्लेबाजी की मजबूती से अच्छी तरह वाकिफ है और इसलिए उसके कोच ओटिस गिब्सन ने कहा कि उसकी टीम को आउट करने के लिये उन्हें सात गेंदबाजों की जरूरत पड़ेगी।
वहीं भारत की बल्लेबाजी बेहद मजबूत है लेकिन उसे फिदेल एडवर्डस, केमार रोच और रवि रामपाल जैसे गेंदबाजों से सतर्क रहना होगा जो किसी भी परिस्थिति में विकेट लेने की काबिलियत रखते हैं। इसके अलावा अच्छी फार्म में चल रहे लेग स्पिनर देबेंद्र बिशू यहां की स्पिनरों की मददगार पिचों का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। हरभजन की अनुपस्थिति में इस विभाग की मुख्य जिम्मेदारी अश्विन पर होगी। कोटला की पिच के मिजाज को देखकर यदि भारत दो स्पिनरों के साथ उतरता है तो फिर प्रज्ञान ओझा और राहुल शर्मा में से किसी एक को चुना जाएगा। लेकिन वेस्टइंडीज के युवा बल्लेबाजों ने बांग्लादेश में हाल में जिस तरह से स्पिन गेंदबाजों का डटकर सामना किया उससे यह मानना भूल होगी कि भारत स्पिनरों के दम पर ही जीत दर्ज कर सकता है।
कैरेबियाई बल्लेबाजों में डेरेन ब्रावो, किर्क एडवर्डस और मलरेन सैमुअल्स काफी अच्छी फार्म में चल रहे हैं जबकि 135 टेस्ट खेलने वाले अनुभवी शिवनारायण चंद्रपाल किसी भी तरह की आक्रमण से पार पाने में माहिर हैं। इसके बावजूद वेस्टइंडीज को फिर से क्रिस गेल की कमी खलेगी जिन्हें आईपीएल के कारण भारतीय पिचों का अच्छा खासा अनुभव है।

जहां तक कोटला मैदान का सवाल है तो भारत के लिये भले ही यह भाग्यशाली मैदान रहा हो लेकिन यहां वेस्टइंडीज को छह मैचों में वह कभी नहीं हरा पाया है। इस मैदान पर दोनों टीमों के बीच छह मैच हुए हैं जिनमें से कैरेबियाई टीम ने दो जीते हैं जबकि चार ड्रा रहे हैं।
टीमें इस प्रकार हैभारत- महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, आर अश्विन, इशांत शर्मा, वरुण एरोन, उमेश यादव, प्रज्ञान ओझा, विराट कोहली, अजिंक्या रहाणे और राहुल शर्मा।
वेस्टइंडीज- डेरेन सैमी (कप्तान), एड्रियन बराथ, कीरेन पावेल, डेरेन ब्रावो, किर्क एडवर्डस, शिवनारायण चंद्रपाल, मलरेन सैमुअल्स, दिनेश रामदीन, रवि रामपाल, देवेंद्र बिशू, केमार रोच, फिदेल एडवर्डस, क्रेग ब्रेशवाइट, कार्लटन बॉ और शेन शिलिंगफोर्ड।
मैच- प्रात: 9:30 मिनट पर शुरू होगा।