Last Updated: Wednesday, April 24, 2013, 10:46
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/कोलकाता: भारत में क्रिकेट धर्म है तो सचिन उसके भगवान हैं। भगवान यानी सचिन तेंदुलकर का जन्मदिन मनाने के लिए पूरा देश बेताब है। सचिन आज 40 साल के हो जाएंगे। सचिन के फैंस अपने-अपने अंदाज में उनका जन्मदिन मना रहे हैं। सचिन तेंदुलकर भले ही आज अपना 40वां जन्मदिन सादगी से मनाना चाहते हैं लेकिन ‘सिटी आफ जॉय’ ने इस चैम्पियन बल्लेबाज के लिये शानदार जश्न की तैयारी कर रखी है। मुंबई इंडियंस के बल्लेबाज तेंदुलकर कल कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ आईपीएल मैच के लिये कोलकाता में होंगे। वह सुबह टीम होटल में केक काटेंगे। मुंबई इंडियंस टीम के मैनेजर ने बताया,‘‘ हमने सुबह मैच से पहले विशेष कार्यक्रम रखा है जिसमें तेंदुलकर मीडिया के सामने केक काटेंगे और बातचीत भी करेंगे।’’ तेंदुलकर की पत्नी अंजलि और मुंबई टीम की मालिक नीता अंबानी आज रात यहां पहुंच रही है।
तेंदुलकर के करीबी एक व्यक्ति ने बताया , वह हमेशा अपना जन्मदिन सादगी से मनाना चाहते हैं। उन्हें पार्टी करना पसंद नहीं है और इस बार भी ऐसा ही होगा।’’ बाद में रात आठ बजे तेंदुलकर 40 किलो रिपीट (40 किलो) का विशाल केक ड्रेसिंग रूम के बाहर काटेंगे जिसे बंगाल क्रिकेट संघ ने तैयार कराया है। कैब अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने कहा, कैब तब भी जश्न मनाना चाहेगा जब वह 100 साल के हो जायेंगे। हम उन्हें स्वस्थ और सुंदर जीवन की शुभकामना देते हैं। चाकलेट केक घाना और मेडागास्कर से मंगवाये गए खास कोको से तैयार किया जायेगा।
शेफ बिकास कुमार ने कहा,हम सुबह पांच बजे केक बनाना शुरू करेंगे और इसे बेक करने में छह घंटे लगेंगे। इससे पहले कोलकाता के चहेते सौरव गांगुली के लिये केक बना चुके शेफ ने कहा ,40 किलो बड़ी बात नहीं है क्योंकि हम इससे भी बड़े केक बना चुके हैं लेकिन यह बड़ा इसलिये है क्योंकि देश के आइकन के लिये बनाया जा रहा है। हमें इस पर गर्व है।
जीत सचिन के लिए शानदार तोहफा होगा: कुंबलेकोलकाता : आईपीएल की टीम मुंबई इंडियन्स इस अवसर का जश्न कोलकाता नाइटराइडर्स पर जीत से मनाना चाहता है। मुंबई के टीम मेंटर अनिल कुंबले ने कहा कि यह इस सीनियर बल्लेबाज के लिये जन्मदिन का सबसे सही तोहफा होगा। कुंबले ने मैच की पूर्व संध्या पर कहा, सचिन का जन्मदिन मनाने का सबसे बढ़िया तरीका ईडन गार्डन्स पर कोलकाता नाइटराइडर्स पर जीत दर्ज करना होगा। ’’ तेंदुलकर की जमकर तारीफ करते हुए 42 वर्षीय कुंबले ने कहा, मैं उनका क्लब (40 या इससे अधिक साल) में स्वागत करता हूं। उनका करियर शानदार रहा है और उन्होंने लंबी राह तय की है। मैं उन्हें आने वाले दिनों में अधिक से अधिक सफलता की शुभकामनाएं देता हूं। टी20 में अपने अनुभव के बारे में इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, आईपीएल के मैच देखना काफी तनावपूर्ण होता है और ऐसे में दिल पर बहुत दबाव पड़ता है।
पुणे में विशेष कार्यक्रम सचिन तेंदुलकर भले ही मुंबई इंडियन्स की तरफ से आईपीएल मैच खेलने के लिये कोलकाता में मौजूद रहेंगे लेकिन उनके 40वें जन्मदिन पर पुणे विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में भारत के पूर्व कप्तान चंदू बोर्डे और महाराष्ट्र के पूर्व कप्तान शांतुन सुगवेकर सहित 100 युवा क्रिकेटर उपस्थित रहेंगे। नेहरू स्टेडियम में होने वाले इस कार्यक्रम में तेंदुलकर से काफी करीब से जुड़े बोर्डे और सुगवेकर युवा क्रिकेटरों के साथ अपने अनुभव बांटेंगे।
नेत्रहीन बच्चों ने मनाया सचिन का जन्मदिन बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने 100 नेत्रहीन विद्यार्थियों की उपस्थिति में कल यहां दस पौंड का केक काटकर सचिन तेंदुलकर का 40वां जन्मदिन एक दिन पहले ही मना दिया। नरेंद्रपुर रामकृष्ण मिशन नेत्रहीन स्कूल और लाइट हाउस फोर द ब्लाइंड के विद्याथियों ने आज शाम को केक काटा। इस अवसर पर कैब का संदेश भी पढ़ा गया। इसमें कहा गया, हम खुशी से ओतप्रोत हैं। हम चाहते हैं कि तेंदुलकर 100 साल तक जिएं। कैब के एक अधिकारी ने कहा कि कल ड्रेसिंग रूम के करीब 40 पौंड का केक काटा जाएगा जो निजी कार्यक्रम है। कैब ने आज का कार्यक्रम मीडिया के लिये आयोजित किया था। इस बीच तेज बारिश और तूफान के कारण मुंबई इंडियन्स की टीम अभ्यास के लिये ईडन गार्डन्स नहीं आ पायी। कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम अभ्यास के लिये पहुंची थी लेकिन बारिश के कारण उसे भी बीच में अभ्यास छोड़ना पड़ा। मौसम विभाग ने कल मैच के दिन आसमान पर बादल छाये रहने की संभावना जतायी है।
40वें बर्थडे से पहले पूर्व क्रिकेटरों ने किया सचिन को सलामउम्र के चौथे दशक को छूने जा रहे सचिन तेंदुलकर की असाधारण प्रतिभा और रनों की कभी खत्म ना होने वाली भूख को क्रिकेटरों ने सलाम किया है जिनका कहना है कि खेल के लिये इस महान बल्लेबाज के जुनून की कोई तुलना नहीं हो सकती। आधुनिक क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शुमार तेंदुलकर 24 अप्रैल को 40 बरस के हो जायंगे। ऐसे में उनके साथी क्रिकेटरों ने मैदान पर उनकी उपलब्धियों की जमकर तारीफ की है।
भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने तेंदुलकर को उनके दौर का महानतम खिलाड़ी बताया जबकि आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा कि खेल के लिये उनका जुनून अभूतपूर्व है। गांगुली ने कहा,मैने जितने क्रिकेटरों को देखा है, उनमें वह महानतम है। मैने ब्रैडमेन को नहीं देखा लेकिन वह लगभग मुकम्मिल क्रिकेटर है। रनों की कभी खत्म ना होने वाली उसकी भूख और असाधारण प्रतिभा उसे जीनियस बनाती है। जब लोग उसकी आलोचना करते हैं तो मैं सिर्फ उसके 100 अंतरराष्ट्रीय शतक उन्हें दिखाना चाहता हूं। तेंदुलकर के जन्मदिन पर निकाले विशेषांक में पत्रिका ने मौजूदा खिलाड़ियों, प्रशासकों, अमिताभ बच्चन और लता मंगेशकर जैसी हस्तियों से बात की है जो तेंदुलकर को लंबे समय से जानते हैं। गांगुली ने लिखा, सचिन और एक अच्छे क्रिकेटर में यह फर्क है कि एक अच्छा क्रिकेटर पहली पारी में शतक बनाता है तो दूसरी में अर्धशतक बनाने के बाद जरूर कोई खराब शाट खेलेगा। हम सभी के साथ ऐसा हुआ है। लेकिन सचिन ऐसा कोई मौका नहीं देगा और दूसरी पारी में भी शतक बनायेगा।
गांगुली ने कहा, इसलिये मैं हमेशा कहता हूं कि ब्रायन लारा महान है और पोंटिंग भी बेहतरीन है लेकिन सचिन महानतम है। मैने उससे बेहतर क्रिकेटर नहीं देखा और ना ही कभी देखूंगा। अगले 50 साल में तो कोई बल्लेबाज 100 अंतरराष्ट्रीय शतक नहीं बना सकता। गांगुली ने कहा कि उनकी पसंदीदा तेंदुलकर की पारी दक्षिण अफ्रीका में 2003 विश्व कप के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ थी। क्लार्क ने कहा कि सचिन इसलिये बेजोड़ हैं क्योंकि 24 साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बावजूद उनका जुनून खत्म नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा,जब आप सचिन के जितनी उपलब्धि हासिल कर लें तो उत्साह कम होना आसान है। सचिन इसलिये बेमिसाल हैं क्योंकि 24 साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते रहने के बावजूद आज भी उनमें वही उत्साह है। वह अभी भी हर गेंद को पीटते हैं और हर रन के लिये दौड़ते हैं , पूरे जोश से अपील करते हैं और युवाओं की तरह सफलता पर खुश होते हैं। भारत के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन का मानना है कि तेंदुलकर के बारे में उनकी राय कभी नहीं बदली, फिर वह चाहे विरोधी खिलाड़ी के रूप में हो या कोच के तौर पर।
उन्होंने कहा, सचिन काफी सज्जन इंसान है। क्रिकेट में उनके दर्जे को देखते हुए वह काफी विनम्र है। वह क्रिकेट के महानतम आदर्श हैं और युवा पीढी के लिये नजीर है कि सफलता मिलने के बाद भी पूरे कैरियर में आचरण कैसा होना चाहिये।
आस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा ने कहा कि दुनिया के अधिकांश बल्लेबाज उनके वाकप्रहार नहीं झेल पाते थे लेकिन तेंदुलकर के सामने यह रणनीति कारगर साबित नहीं हुई। उन्होंने कहा,मैने हमेशा उसे दृढता के साथ खेलते देखा। मुझे उसके सामने तभी सफलता मिली जब मैंने ज्यादा कुछ नहीं कहा। मुझे समझ में आ गया कि उसके सामने ज्यादा बोलने से दाल नहीं गलेगी। श्रीलंका के महान स्पिनर मुथया मुरलीधरन ने कहा कि तेंदुलकर ने उन्हें सकारात्मक सोच और आक्रामकता के साथ खेलने के लिये प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, मैने पहली बार उसे 1993 में देखा और हर तरफ उसी के चर्चे थे। वह सिर्फ 19 साल का था और वनडे में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आया था। मैं हैरान था कि क्या यह लड़का हमारा सामना कर सकेगा। लेकिन फिर मुझे लगा कि यह उससे कहीं ज्यादा महान खिलाड़ी है जितना लोग सोचते हैं।
First Published: Wednesday, April 24, 2013, 09:19