सचिन को चरम पर रहते हुए संन्यास लेना चाहिए: इमरान खान

सचिन को चरम पर रहते हुए संन्यास लेना चाहिए: इमरान खान

सचिन को चरम पर रहते हुए संन्यास लेना चाहिए: इमरान खाननई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान ने भी सचिन तेंदुलकर के भविष्य को लेकर छिड़ी चर्चा में खुद को शामिल करते हुए कहा कि भारत के इस स्टार बल्लेबाज को खुद को चयनकर्ताओं की दया पर छोड़ने के बजाय अपने खेल के चरम पर रहते हुए संन्यास लेना चाहिए। इमरान ने कहा, सचिन महान खिलाड़ी है लेकिन मैं यही कहना चाहता हूं कि यदि मैं उनकी जगह होता तो मैं चरम पर रहते हुए संन्यास लेता और मेरी सबसे बड़ी चिंता यही होती कि मुझे कभी चयनकर्ताओं की दया पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो दशक से अधिक समय बिताने वाले तेंदुलकर के भविष्य को लेकर चर्चा हाल में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के दौरान उनके लगातार तीन बार बोल्ड होने के बाद छिड़ी। इमरान से पूछा गया कि क्या तेंदुलकर जैसा खिलाड़ी कभी चयनकर्ताओं की दया पर निर्भर रह सकता है, उन्होंने कहा, नहीं, लेकिन आप खुद को ऐसी स्थिति में क्यों रखते हो। मेरे कहने का मतलब है कि सचिन का क्या बेहतरीन रिकॉर्ड है। क्या वह नहीं चाहेगा। उन्होंने कहा, फिर से मैं खुद को इस स्थिति में रखता हूं। मेरी सबसे बड़ी चिंता यह थी कि मैं अपनी क्षमता के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाउंगा। इसलिए लोग मुझे तब के लिये याद नहीं रखेंगे जबकि मैं अपने चरम पर था बल्कि तब के लिये याद करेंगे जबकि मैंने अपना करियर समाप्त किया।

उन्होंने कहा, मैं मानता हूं कि सचिन इतना महाना खिलाड़ी है और लोग भावनात्मक रूप से उनसे जुड़े हैं। मैं भारतीय लोगों की भावनाओं को समझ सकता हूं जो पिछले 23 साल से उन्हें खेलते हुए देख रहे हैं। वे सचिन के बिना जिंदगी के बारे में नहीं सोच सकते हैं। इमरान ने कहा, लेकिन सचिन को ध्यान में रखा जाए तो सबको पता है कि क्रिकेट में उनका क्या रुतबा रहा है। ऐसा समय जरूर आएगा जब उन्हें फैसला करना होगा कि यह संन्यास लेने का सही समय है। इमरान ने स्वयं अपने करियर पर नजर डाली। उन्होंने 1992 विश्व कप जीतने के बाद संन्यास ले लिया था।

उन्होंने कहा, मैंने इसलिए संन्यास लिया क्योंकि मैं चयनकर्ताओं की दया पर नहीं जीना चाहता था। मैं अपने चरम पर संन्यास लेना चाहता था। मेरे खेलने का एकमात्र कारण कैंसर अस्पताल था। इमरान ने कहा, मुझे संचालन बोर्ड ने कहा कि यदि आप क्रिकेट छोड़ देंगे तो पैसा जुटाना मुश्किल हो जाएगा। यही वजह थी कि मैंने खेलना जारी रखा था। उन उचाईयों पर पहुंचने के बाद मैं चयनकर्ताओं की दया पर नहीं रहना चाहता था। मैं नहीं चाहता था कि लोग कहें कि आपको अब छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा, इसलिए मैं सुनील गावस्कर का सम्मान करता हूं। जब वह आगे खेल सकते थे तब उन्होंने संन्यास ले लिया था। मैंने जितने बल्लेबाज देखे उनमें सुनील की रक्षात्मक तकनीक सर्वश्रेष्ठ थी। उस तकनीक के रहते हुए वह कुछ साल और खेल सकता था लेकिन उन्होंने अपने चरम पर संन्यास ले लिया। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, September 12, 2012, 16:34

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