Last Updated: Monday, December 19, 2011, 12:56
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और कोच ग्रेग चैपल के बीच तनाव खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है और अब भारत के पूर्व कप्तान ने इस ऑस्ट्रेलियाई को ‘पागल’ कह डाला है।
सचिन तेंदुलकर और अन्य भारतीय बल्लेबाजों का तिलिस्म तोड़ने में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की मदद करने की रपटों पर गांगुली ने कहा कि भारतीय टीम के लिए यह अच्छी खबर है। गांगुली ने कहा, ‘वह चयनकर्ता रहे हैं और उनकी अकादमी, ब्रिसबेन स्थित ऑस्ट्रेलियन सेंटर आफ एक्सीलैंस के भी प्रमुख रहे हैं। वहां से भी उन्हें हटा दिया गया। जब वह भारत आए तो कहा गया था कि ऑस्ट्रेलियाई मानसिकता यहां नहीं चलेगी लेकिन वह ऑस्ट्रेलियाई ढांचे में भी काम नहीं कर सके।’
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि चैपल कोचिंग के हर काम में विफल रहे हैं जो यह साबित करता है कि गलती उन्हीं में है। उन्होंने कहा, ‘लोगों को समझना चाहिए कि खामी चैपल में ही है। वह गलती पर गलती करते हैं। कोई व्यक्ति एक बार गलत हो सकता है लेकिन बार बार वह गलती दोहराये और इसकी वजह से नौकरी गंवा दे तो वह व्यक्ति पागल ही कहा जाएगा। मुझे खुशी है कि वह ऑस्ट्रेलियाई टीम से जुड़े हैं । भारतीय टीम के लिए यह अच्छी खबर है। मैं हैरान नहीं हूं।’
चैपल के कार्यकाल को याद करते हुए गांगुली ने कहा कि आस्ट्रेलियाई कोच का इतना दबदबा था कि तत्कालीन कप्तान राहुल द्रविड़ के पास उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं थी । उन्होंने कहा कि राहुल द्रविड़ ऐसा व्यक्ति है जो सब कुछ अच्छा चाहता है । वह जानता था कि कुछ गलत हो रहा है लेकिन उसमें बगावत की हिम्मत नहीं थी । मेरे साथ जिम्बाब्वे दौरे पर जो कुछ हुआ, उसके बाद कोई भी कप्तान ड्रेसिंग रूम में शांति बनाए रखना चाहेगा जो सही भी था।
चैपल को भारतीय टीम के कोच का पद दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले गांगुली की चैपल ने अपनी आत्मकथा में कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वह टीम में बैचेनी फैलाते थे। गांगुली ने कहा कि चैपल के जेहन में कभी भी भारतीय क्रिकेट की भलाई नहीं थी और वह अपनी योजनाएं थोपने में लगे रहे । उन्होंने कहा कि ग्रेग चैपल की सोच क्रिकेट आधारित नहीं थी । वह निजी एजेंडा लेकर यहां आए जो भारतीय क्रिकेट में नहीं चला । उनका दिमाग अलग तरह से चलता था।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 20, 2011, 09:44