Last Updated: Wednesday, February 15, 2012, 14:46
ढाका : मुथैया मुरलीधरन वर्तमान समय में विश्व क्रिकेट में स्पिन प्रतिभा से संतुष्ट हैं लेकिन इसके साथ ही उन्हें डर है कि विभिन्न प्रारूपों से सामंजस्य बिठाने में महारत हासिल नहीं होने पर गेंदबाजी की इस विधा पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 800 विकेट लेने वाला यह ऑफ स्पिनर इन दिनों बांग्लादेश प्रीमियर लीग में खेल रहा है।
मुरलीधरन ने ‘डेली स्टार’ समाचार पत्र से कहा, अभी डेनियल विटोरी, सईद अजमल, शाहिद अफरीदी, साकिब अल हसन, ग्रीम स्वान, हरभजन सिंह और रविचंद्रन अश्विन जैसे अच्छे स्पिनर खेल रहे हैं। श्रीलंका के पास अजंता मेंडिस और रंगना हेराथ हैं जबकि वेस्टइंडीज की टीम में सुनील नारायण अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
उन्होंने कहा, लेकिन मैं स्पिनरों को लेकर चिंतित भी हूं। उन्हें ट्वेंटी -20 क्रिकेट में सीधी और तेज गेंद करनी पड़ती हैं जबकि टेस्ट में स्थिति एकदम भिन्न होती है। कोच की भूमिका यहीं पर अहम होती है। उन्हें गेंदबाजों को बताना होगा कि वे कैसे सही तरह से तालमेल बिठायें। इस ऑफ स्पिनर ने पहले बीपीएल में खेलने का मन नहीं बनाया था लेकिन अब वह इसे आईपीएल की तैयारियों के रूप में देख रहे हैं। उन्हें हाल में हुई नीलामी में रायल चैलेंजर्स बेंगलूर की टीम ने खरीदा है।
मुरलीधरन ने इसके साथ ही कहा कि बांग्लादेश के स्पिन विभाग में विविधता नहीं है। उन्होंने कहा, बांग्लादेश के अधिकतर स्पिनर बायें हाथ के हैं इसलिए आपको अपनी गेंदबाजी में वैरायटी की जरूरत है।
उन्होंने कहा, यदि आप अपने देश के बाहर अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हो तो आपको तेज गेंदबाज, लेग स्पिनर और आफ स्पिनर की जरूरत पड़ेगी। आप केवल बायें हाथ के स्पिनरों पर भरोसा नहीं कर सकते। मैं देख रहा हूं कि बीपीएल की प्रत्येक टीम में चार या पांच बायें हाथ के स्पिनर हैं। इससे यहां तक काम चल सकता है लेकिन अन्य देशों में नहीं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 15, 2012, 20:16