Last Updated: Monday, January 23, 2012, 09:12
एडिलेड : विरोधी टीम के गेंदबाजों को ध्वस्त करने में माहिर भारत के कार्यवाहक कप्तान और आक्रामक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि उसने अब तक आस्ट्रेलिया के जिन गेंदबाजों का सामना किया है, उसमें मौजूदा गेंदबाजी आक्रमण सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि इस गेंदबाजी आक्रमण ने अब तक उनसे धैर्य की सबसे कड़ी परीक्षा ली है।
महेंद्र सिंह धोनी को पर्थ में तीसरे टेस्ट में धीमी ओवर गति के लिए प्रतिबंधित किया गया है, जिसके बाद सहवाग मंगलवार से यहां शुरूआत हो रहे चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट में भारतीय टीम की कमान संभालेंगे।
आस्ट्रेलियाई टीम पहले ही श्रृंखला में 3-0 की निर्णायक बढ़त हासिल कर चुकी है जबकि सहवाग बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहे हैं। सहवाग ने कहा कि मैंने जो गेंदबाजी आक्रमण देखे हैं उसमें यह सर्वश्रेष्ठ है, विशेषकर आस्ट्रेलिया का। वे बाउंड्री लगाने के आसान मौके नहीं दे रहे, वे हमारे धर्य के साथ खेल रहे हैं। सहवाग ने मौजूदा श्रृंखला में अब तक एक अर्धशतक की मदद से 19 . 67 की औसत के साथ 118 रन बनाए हैं।
भारतीय कप्तान ने कहा कि मुझे लगता है कि वे सही लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी कर रहे हैं। वे बाउंड्री लगाने के आसान मौके नहीं दे रहे। अतीत में जब मैं खेला तो सामान्यत: मुझे शुरुआत में बाउंड्री लगाने के लिए कुछ गेंदे मिली लेकिन इस आक्रमण के खिलाफ ऐसी गेंद बामुश्किल मिल रही है। बेन हिलफेंहास (16 की औसत से 23 विकेट) और पीटर सिडल (19.58 की औसत से 17 विकेट) ने मौजूदा श्रृंखला में सहवाग को काफी परेशान किया है और यह सलामी बल्लेबाज लय में लौटने के लिए अधिक धैर्य के साथ खेलना चाहता है।
सहवाग ने कहा कि मुझे लगता है कि मुझे धर्य दिखाना होगा। अगर मैं धैर्य दिखाउंगा तो मुझे बाउंड्री लगाने के लिए कुछ गेंदें मिलेंगी। यह एक चुनौती है, यह शानदार गेंदबाजी आक्रमण है और सभी उनके खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। इस आक्रामक बल्लेबाज ने कहा कि मैं अच्छा प्रदर्शन करने को बेताब हूं क्योंकि आप जब भी आस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो सभी आपकी तारीफ करते हैं और आपके प्रदर्शन की सराहना करते हैं। एक सलामी बल्लेबाज के रूप में सहवाग अपने जोड़ीदार गौतम गंभीर के साथ मिलकर भारत को अच्छी शुरूआत दिलाने में नाकाम रहे हैं। मौजूदा श्रृंखला में इस जोड़ी की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी केवल 24 रन की है।
सहवाग ने कहा कि यह सिर्फ सलामी जोड़ी की बात नहीं है। सभी बल्लेबाज रन नहीं बना पा रहे हैं। जब आप विदेश में जाते हैं और 300 से 400 रन बनाते हैं तभी मैच में आपके गेंदबाजों की भूमिका बनती है और वे दूसरी टीम को आउट करने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रन बनाना सभी की जिम्मेदारी है विशेषकर भारत से बाहर। दुर्भाग्य से पिछले दो दौरों पर बल्लेबाजों ने रन नहीं बनाए हैं।
(एजेंसी)
First Published: Monday, January 23, 2012, 15:10