हॉकी इंडिया लीग: कोचों के सुर अलग-अलग

हॉकी इंडिया लीग: कोचों के सुर अलग-अलग

मुंबई : हॉकी इंडिया लीग का हिस्सा होने के बावजूद दुनिया के दो शीर्ष कोच रिक चार्ल्सवर्थ और रोलैट ओल्टमेंस की राय भारत को इससे होने वाले फायदे के बारे में अलग-अलग है। चार बार के ओलंपियन और आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान चार्ल्सवर्थ को नहीं लगता कि इससे भारतीय हाकी को फायदा होगा।

सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर मुंबई मैजीशियंस के कोच ने कहा, ‘मुझे नहीं पता। यह कहना मुश्किल है। युवाओं को इससे अनुभव मिलेगा लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय हॉकी की तरह नहीं है।’ ओल्टमेंस विश्व कप 2010, चैम्पियंस ट्राफी और राष्ट्रमंडल खेलों में आस्ट्रेलिया की स्वर्ण पदक विजेता टीम के कोच रहे हैं। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश विजार्डस के डच कोच ओल्टमेंस ने कहा कि इस लीग से भारतीय हॉकी का स्तर जरूर बढ़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘इस लीग का उद्देश्य भारतीय हॉकी की बेहतरी भी है। मैं इस बारे में अभी ज्यादा हीं कहूंगा। लीग के बाद मुझे नई जिम्मेदारी (भारतीय टीम का तकनीकी निदेशक) संभालनी है।’ उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों को बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है जो भारतीय हॉकी के भविष्य के लिए अहम है।’ अटलांटा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली हालैंड टीम के कोच रहे ओल्टमेंस ने कहा, ‘भारत में सभी को इस लीग पर गर्व होना चाहिए। ये मैच अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं और सभी के लिए अच्छा है।’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 6, 2013, 14:37

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