Last Updated: Thursday, August 1, 2013, 18:12

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की कार्यकारिणी की शुक्रवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले कांग्रेस सांसद और झारखंड क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सुबोधकांत सहाय ने एन. श्रीनिवासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चेतावनी दी कि यदि बीसीसीआई ने ‘असंवैधानिक’ तरीके से कामकाज जारी रखा तो सरकार हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर हो सकती है।
सहाय और आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय पैनल के फैसले को चुनौती देने वाले आदित्य वर्मा ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाने, श्रीनिवासन को बैठक की अध्यक्षता करने से रोकने और उन्हें पद से हटाने की अपील की। सहाय ने कहा, ‘बोर्ड आरटीआई के दायरे में नहीं आना चाहता। वह संविधान और संसद को नहीं मान रहा है। हमारी यह चेतावनी और अपील भी है कि श्रीनिवासन बीसीसीआई कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता नहीं करें। यदि इस पर गौर नहीं होता है तो सरकार भी हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर हो जाएगी। वह फिर कार्रवाई करने के लिये स्वतंत्र है।’
बांबे उच्च न्यायालय ने आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक इंडिया सीमेंट लिमिटेड, इसके पूर्व टीम प्रिंसिपल गुरूनाथ मयप्पन, बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन और राजस्थान रायल्स के सह मालिक राज कुंद्रा को क्लीन चिट देने वाले पैनल को ‘गैरकानूनी और असंवैधानिक’ करार दिया था लेकिन उसने श्रीनिवासन को कार्यकारिणी की अध्यक्षता करने से नहीं रोका है।
उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाना जरूरी है क्योंकि यह खेल से अधिक व्यवसाय बन गया है। प्रत्येक मैच फिक्स किया जा रहा है। उसमें दाउद इब्राहिम का हाथ बताया जा रहा है। श्रीनिवासन ने असल में बीसीसीआई को हाईजैक कर लिया है। जिस तरह उन्हें और उनके परिजनों को क्लीन चिट मिली है उससे देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमी चिंतित हैं।’ भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के श्रीनिवासन के साथ संबंधों के बारे में सहाय ने कहा, ‘धोनी कोई श्रीनिवासन की संपत्ति नहीं है। वह हम सबका प्यारा है।’
सहाय जिस झारखंड क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं वह इस राज्य के गठन के समय मान्यता प्राप्त संघ था लेकिन अब उसे बीसीसीआई की मान्यता हासिल नहीं है। दूसरी तरफ बिहार क्रिकेट संघ के महासचिव आदित्य वर्मा के संगठन को भी मान्यता हासिल नहीं है। वर्मा ने कहा कि बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने उनसे अदालत के बाहर समझौता करने के लिए कहा था।
उन्होंने कहा, ‘मुझसे कहा गया था कि क्या वह नहीं चाहते कि मेरे संघ को मान्यता मिले। मेरा बेटा क्रिकेट खेलता है, उसके भविष्य का हवाला दिया गया लेकिन मैंने हार नहीं मानी। यदि श्रीनिवासन कल बैठक की अध्यक्षता करते हैं तो सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा। चुप नहीं बैठूंगा।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 1, 2013, 18:12