जगदाले और शिर्के का इस्तीफा वापस लेने से इनकार

जगदाले और शिर्के का इस्तीफा वापस लेने से इनकार

जगदाले और शिर्के का इस्तीफा वापस लेने से इनकारइंदौर : क्रिकेट बोर्ड के पूर्व सचिव संजय जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिर्के ने आज साफ तौर पर कहा कि कार्यसमिति के सदस्यों द्वारा फैसले पर पुनर्विचार के अनुरोध के बावजूद उनका बीसीसीआई में लौटने का कोई इरादा नहीं है। जगदाले और शिर्के ने स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण के मद्देनजर पद से इस्तीफा दे दिया था।

जगदाले ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुझसे गुजारिश की गयी कि मैं अपना इस्तीफा वापस ले लूं। लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता। लिहाजा मैंने अपना इस्तीफा वापस लेने से मना कर दिया है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह किसी दबाव के चलते बीसीसीआई सचिव पद पर लौटना नहीं चाहते, उन्होंने कहा, ‘मैं इतना ही कह सकता हूं कि दुनिया में कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है, जो मुझ पर दबाव बना सके।’

62 वर्षीय खेल प्रशासक ने यह दावा करते हुए चेन्नई में बीसीसीआई की आज संपन्न आपात बैठक पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि उन्हें इस बैठक के नतीजों की जानकारी नहीं है। जगदाले हालांकि इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए। लेकिन उन्होंने कहा कि बार-बार संपर्क कटने से वह इस बैठक के नतीजों से अनभिज्ञ हैं।

उन्होंने आईपीएल के स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के विवादों से घिरे एन. श्रीनिवासन पर कोई टिप्पणी करने से साफ इंकार कर दिया। श्रीनिवासन इस प्रकरण की जांच खत्म होने तक बीसीसीआई अध्यक्ष पद से किनारा करेंगे। जगमोहन डालमिया को बीसीसीआई का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है।

जगदाले ने कहा, ‘मुझे सबसे ज्यादा दुख इस बात का है कि बैठक में व्यक्तियों पर नहीं बल्कि व्यवस्था पर बात होनी चाहिए थी। व्यवस्था को कैसे पाक साफ किया जाए।’ अपने इस्तीफे के बारे में उन्होंने कहा, ‘मेरा फैसला किसी तरह की राजनीति से नहीं जुड़ा है। मैंने कभी कमल नाथ से मुलाकात नहीं की और न ही इस मसले पर ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की। मैंने वही किया जो मेरे दिल और दिमाग ने कहा।’

उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मेरा फैसला किसी व्यक्ति या समूह के कारण नहीं था। बीसीसीआई में कोई गुटबाजी नहीं है।’ जगदाले ने कहा, ‘मैदान के भीतर और बाहर हुए हालिया घटनाक्रम ने मुझे दुखी किया। मैंने ऐसी क्रिकेट नहीं खेली थी। मैं करोड़ों भारतीयों की तरह दुखी था।’

अजय शिर्के ने कहा, ‘पुरानी शराब को नई बोतलों में डालने की बजाय हमें विश्वसनीय स्पष्टीकरण चाहिए था। मैं नाखुश नहीं बल्कि दुखी हूं। मैं भविष्य को लेकर चिंतित हूं।’ उन्होंने नई व्यवस्था के बारे में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह काम करेगा लेकिन बड़े नेताओं ने इसका सुझाव दिया है। मुझे नहीं लगता कि इस तरह की व्यवस्था काम करेगी।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, June 2, 2013, 19:56

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