Last Updated: Tuesday, April 16, 2013, 21:09

कोलकाता : भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने मंगलवार को खुलासा किया कि आईपीएल 2011 में पुणे वारियर्स के लचर प्रदर्शन के साथ नीचे से दूसरे स्थान पर रहने के बाद टीम प्रबंधन ने कभी नहीं सोचा कि युवराज सिंह में कप्तान बनने की क्षमता है।
गांगुली का मानना है कि यही कारण है कि एंजेलो मैथ्यूज और रोस टेलर को कप्तान के रूप में युवराज पर प्राथमिकता दी गई। गांगुली ने क्षेत्रीय टीवी चैनल से कहा कि प्रबंधन ने हमारे पहले सत्र (2011 में वारियर्स 10 टीमों में नौवें स्थान पर रहे) के बाद युवराज को दोबारा कप्तान नहीं बनाने का फैसला किया। उन्हें लगा कि उसमें कप्तान बनने की क्षमता नहीं है। यह फैसला हमारे पहले सत्र (2011) के बाद लिया गया।
मैथ्यूज को कल अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया और टेलर तीन सत्र में फ्रेंचाइजी के पांचवें कप्तान बने और टीम ने चेन्नई सुपरकिंग्स पर 24 रन की जीत दर्ज की। मैथ्यूज के विकल्प के तौर पर आए स्टीवन स्मिथ ने नाबाद 39 रन की पारी खेलकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। गांगुली का मानना है कि टीम को भविष्य में इसी अंतिम एकादश को मौका देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि टीम संतुलित नजर आई। डिंडा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया जबकि राहुल शर्मा भी शानदार था। फिंच, टेलर, स्मिथ और मार्श के रूप में विदेशी खिलाड़ी संतुलित इकाई लगे। गांगुली ने कहा कि अगर वे सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अगले मैच में संयोजन में बदलाव करते हैं तो मुझे हैरानी होगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 16, 2013, 21:09