Last Updated: Monday, June 10, 2013, 10:31
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली/मुंबई : इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 6) में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के `खेल` में फंसे राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी रहे एस. श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण पर आजीवन बैन की सिफारिश की गई है। सूत्रों के अनुसार, आईपीएल मैचों के दौरान स्ट्रैटेजिक टाइम आऊट, चीयर लीडर्स और मैच के बाद पार्टी पर प्रतिबंध की भी सिफारिश की गई है। यह सिफारिश रवि सवानी कमेटी की ओर से की गई है। गौर हो कि रवि सवानी आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच कर रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा की जांच के लिए भी कमेटी बनाने की सिफारिश की गई है। पूरी संभावना है कि मयप्पन की तरह कुंद्रा को भी जांच पूरी होने तक राजस्थान रॉयल्स की गतिविधियों में शामिल होने से रोक दिया जाए।
दूसरी ओर, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की सोमवार को आपात बैठक है। स्पॉट फिक्सिंग मामले में राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा पर गाज गिरा सकती है। बीसीसीआई की आज यहां होने वाली कार्यकारी समिति की आपात बैठक में अगर जरूरी हुआ तो आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी घोटाले पर कार्रवाई हो सकती है।
उधर, आईपीएल में हवाला के जरिये अंडरवर्ल्ड का पैसा लगा होने का संदेह है। इस सिलसिले में कई बिजनेसमैन को समन भेजने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा कई टीम मालिकों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समन भेज सकती है।
एस. श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण के खिलफ स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों पर बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक एवं सुरक्षा इकाई (एससीएसयू) के प्रमुख रवि सवानी की रिपोर्ट भी समिति के सामने रखे जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नियमों के हिसाब से बीसीसीआई की अनुशासन समिति फैसला करने से पहले इन तीनों क्रिकेटरों को बुलाकर उनका पक्ष सुन सकती है। वे तीनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं इसलिए फैसला आने में कुछ समय लग सकता है।
गौर हो कि भारतीय टेस्ट खिलाड़ी एस. श्रीसंत समेत राजस्थान के तीन खिलाड़ियों की गिरफ्तारी से स्पॉट फिक्सिंग विवाद शुरू हुआ, जिसके बाद बोर्ड अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को कथित सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। बोर्ड ने मयप्पन को सभी क्रिकेट गतिविधियों से निलंबित कर दिया जो अभी जमानत पर बाहर हैं। कंपनी इंडिया सीमेंट्स के मालिक श्रीनिवासन को भी इसके लिए आलोचना झेलनी पड़ी और उन्होंने भी बीसीसीआई की आंतरिक जाच तक अध्यक्ष पद से किनारा कर लिया।
First Published: Monday, June 10, 2013, 10:31