एक है हिना और एक थी बेनजीर| Hina Rabbani Khar

एक है हिना और एक थी बेनजीर

एक है हिना और एक थी बेनजीरप्रवीण कुमार
पाकिस्तान की सियासत में आमतौर पर भूचाल तभी आता है जब वहां की सेना एक चुनी हुई सरकार को बेदखल (तख्ता पलट) कर सत्ता अपने हाथ में ले लेती है, लेकिन इस दफा जो भूचाल पाकिस्तान की सियासत में आया है उसका रंग तख्तापलट से एकदम उलट है। जी हां, आवाम की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर को पाकिस्तान की दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो से प्रेम हो गया है। बात बहुत आगे बढ़ चुकी है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फीकार अली भुट्टो अक्सर कहा करते थे कि असाधारण पुरुषों की बीवियां भी असाधारण होनी चाहिए। कहीं न कहीं अपने नाना की कही ये बात बिलावल को रास आ रही है और असाधारण बीवी पाने के लिए वह अपने से 11 साल बड़ी औरत (पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार जिसका अपना शौहर है और बच्चे भी) से इश्क लड़ा बैठे और शादी करने पर अमादा हैं बावजूद इसके कि पिता राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी इस शादी के एकदम खिलाफ हैं। पूरी की पूरी कहानी अब एक ऐसे मोड़ पर आकर खड़ी हो गई है जिससे पाकिस्तान की राजनीति के भविष्य को लेकर कुछ सवाल लोगों के मन में निश्चित रूप से उठ रहे होंगे। एक सवाल मेरे मन में भी सुलग रहा है कि कहीं हिना रब्बानी खर पाकिस्तान की बेनजीर बनने का ख्वाब तो नहीं पाल रहीं और हिना का इरादा कहीं आवाम की तीन पीढ़ियों की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को अपनी मुट्ठी में करने का तो नहीं? कुछ भी हो सकता है पाकिस्तान की सियासत में। लेकिन इन सवालों की पृष्टभूमि में झांककर देखते हैं कि आखिर मामला है क्या और ये हिना रब्बानी खर कौन है।

मामला बेहद गंभीर है
बांग्लादेश के एक टैब्लॉयड `ब्लिज वीकली` की मानें तो तो पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी दिवंगत पत्नी बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर के इश्क में पूरी तरह गिरफ्तार हो चुके हैं। बात इतनी आगे बढ़ चुकी है कि दोनों ने निकाह कर स्विट्जरलैंड में बसने की योजना तक बना ली है। खबर सुनकर जरदारी आपे से बाहर हैं, लेकिन इस बेरहम व अंधा इश्क पर उनका कोई जोर नहीं चल रहा है। खर ने इसी महीने 21 सितंबर को बिलावल के जन्मदिन पर उन्हें हस्तलिखित कार्ड भी भेजा था। कार्ड पर संदेश दर्ज था, `हमारे रिश्ते का आधार सनातन है और जल्द ही हम एक-दूजे के हो जाएंगे।` टैब्लॉयड के अनुसार ईद के मुबारक मौके पर भी खर ने अपने प्रेमी बिलावल को हाथ से बना कार्ड भेजा था। इस पर खर ने लिखा था, `हमने काफी प्रतीक्षा की। अब इंतजार की घड़ियां खत्म होनी चाहिए।` माना जा रहा है कि खर अपने करोड़पति शौहर फिरोज गुलजार को तलाक देकर बहुत जल्द बिलावल से निकाह रचाने जा रही हैं। लेकिन राष्ट्रपति जरदारी इस रिश्ते के लिए राजी नहीं हैं। अखबार के मुताबिक जरदारी को इस प्रेम प्रसंग के बारे में तब पता चला जब बिलावल और हिना को राष्ट्रपति निवास में आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया। बाद में जरदारी ने दोनों के मोबाइल फोन के डिटेल निकलवाए, जिनसे दोनों के बीच गहराते इश्क का पता चला। जरदारी तमाम कोशिशें कर चुके है लेकिन न तो हिना रब्बानी खर पीछे हटने को तैयार हैं और न ही बिलावल। हिना ने राष्ट्रपति से दो टूक कह दिया है कि वह उनके निजी मामले में दखल न दें। खर ने कैबिनेट और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सदस्यता से इस्तीफे की पेशकश भी कर डाली है। ध्यान देने वाली बात है कि बिलावल अपनी कथित प्रेमिका से 11 साल छोटे हैं। बिलावल का जन्म 21 सितंबर 1988 में हुआ है जबकि हिना 19 नवंबर 1977 को जन्मी है। अखबार ने खुफिया रिपोर्ट के हवाले से यह भी कहा गया है कि हिना के साथ शादी करने के फैसले की वजह से बिलावल और उनके पिता आसिफ अली जरदारी के बीच शीतयुद्ध चल रहा है। जरदारी बिलावल की हिना से शादी करने के फैसले के खिलाफ हैं, क्योंकि वह नहीं चाहते कि उनका बेटा किसी ऐसी महिला से शादी करे जिसकी पहले ही दो बेटियां हैं। इससे बिलावल के राजनीतिक करियर को नुकसान होगा।

कौन है हिना रब्बानी खर?
बांग्लादेशी अखबार ने पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर और बिलावल भुट्टो के बारे में कुछ अहम खुलासे किए हैं। दो साल पहले हिना को पता चला कि उनके पति फिरोज गुलजार का उनके दफ्तर में काम करने वाली युवती के साथ अवैध संबंध हैं। इसके बाद से दोनों के संबंधों में खटास आनी शुरू हो गई। हिना के हाथ पति फिरोज के अवैध संबंध के बारे में कई ठोस सबूत भी लगे। उन्होंने इसके बारे में पिता को भी बताया। एक बार हिना ने खुदकुशी की भी कोशिश की थी। यही वह समय था जब हिना रब्बानी और बिलावल भुट्टो एक-दूसरे के करीब आए और फिर प्यार परवान चढ़ा। उद्योगपति फिरोज गुलजार के साथ हिना की शादी अंतिम दौर में चल रही है। फिरोज से हिना की दो बेटियां हैं। 34 वर्षीय हिना रब्बानी खर एक व्यवसायी हैं और पाकिस्तान के एक मशहूर राजनैतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने अमरीका की मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की है और 2003 में राजनीति में कदम रखा जब उनके पिता गुलाम नूर रब्बानी खर अयोग्य घोषित किए गए थे क्योंकि उनके पास स्नातक की उपाधि नहीं थी। हिना दक्षिण पंजाब के जिले मुजफ्फराबाद से दो बार चुना जीती। पहले साल 2003 में मुस्लिम लीग (क्यू) के टिकट पर और दूसरा 2008 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की प्रत्याशी के तौर पर। पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल में जब मुस्लिम लीग (क्यू) ने सरकार का गठन किया तो उन्होंने आर्थिक मामलों की राज्यमंत्री का पद संभाला और 2005 में आए भयंकर भूकंप में अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों के साथ हुई वार्ताओं में हिना की बड़ी भूमिका रही। साल 2008 के चुनावों में जब पीपुल्स पार्टी ने सरकार का गठन किया तो वे मुस्लिम लीग क्यू छोड़ कर पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गईं।

बेनजीर, जरदारी और पी.पी.पी.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी जिसे पी॰पी॰पी॰ भी कहा जाता है, पाकिस्तान का एक प्रमुख राजनैतिक दल है जिसपर तीन पीढ़ियों से एक ही परिवार का वर्चस्व चला आ रहा है। इसकी विचारधारा गणतांत्रिक समाजवाद है। इसकी स्थापना 30 नवम्बर 1967 में जुल्फिकार अली भुट्टो के नेतृत्व में हुई थी। उसी समय से इस पार्टी का नेता हमेशा भुट्टो या जरदारी परिवार का कोई न कोई सदस्य रहा है। पार्टी का केंद्र पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रान्त में है, जहां भुट्टो परिवार की जड़ें हैं। लेकिन यह पाकिस्तानी पंजाब, ब्लोचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्तिस्तान में भी समर्थन पाती रही है। वर्तमान में भी यही पार्टी पाकिस्तान में केंद्रीय स्तर पर सत्ता में काबिज है। पाकिस्तान के तीन शासक जुल्फिकार अली भुट्टो, बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी इस पार्टी से सम्बंधित रहे हैं। बिलावल भुट्टो वर्तमान में पी.पी.पी. के अध्यक्ष हैं। बेनजीर भुट्टो (बिलावल की मां) का जन्म 21 जून 1953 को कराची में हुआ था। वह 1988 में पाकिस्तान की 12वीं और 1993 में 16वीं प्रधानमंत्री निर्वाचित हुईं थीं। रावलपिंडी में एक राजनैतिक रैली के बाद आत्मघाती बम और गोलीबारी से हमला कर उनकी हत्या कर दी गई। पूरब की बेटी के नाम से मशहूर बेनजीर किसी भी मुस्लिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री तथा दो बार चुनी जाने वाली पाकिस्तान की पहली प्रधानमंत्री थीं। बेनजीर भुट्टो का जन्म पाकिस्तान के धनी जमींदार परिवार में हुआ था। वे पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो, जो सिंध प्रांत के पाकिस्तानी थे तथा बेगम नुसरत भुट्टो जो मूल रूप से ईरान और कुर्द देश से संबंधित पाकिस्तानी थीं, की पहली संतान थीं। उनके बाबा सर शाह नवाज भुट्टो अविभाजित भारत के सिंध प्रांत स्थित लरकाना जिले में भुट्टोकलां गांव के निवासी थे। यह स्थान अब भारत के हरियाणा में हैं। 18 दिसंबर 1987 में उनका विवाह आसिफ अली जरदारी के साथ हुआ जो अभी पाकिस्तान के राष्ट्रपति हैं। आसिफ अली जरदारी का जन्म 21 जुलाई, 1956 को हुआ था। बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद पाकिस्तान की सक्रिय राजनीति में उनका आगाज हुआ और वे सितंबर 2008 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति चुने गए। यहां गौर करने की बात ये है कि जरदारी भी बेनजीर से उम्र में तीन साल छोटे थे।

बहरहाल, बिलावल पर चढ़े हिना के रंग, हिना रब्बानी खर का अतीत और वर्तमान, बेनजीर भुट्टो, आसिफ अली जरदारी और पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी के बारे में इतना कुछ जान लेने के बाद बिलावल और हिना के परवान चढ़ते इश्क के पीछे की कहानी को समझना मुश्किल पहेली नहीं होनी चाहिए। मेरी समझ में हिना रब्बानी खर के अंतरमन में कहीं न कहीं बेनजीर के राजनीतिक रूतबे को पाने की जिद है और इसके लिए बांग्लादेशी टैब्लॉयड के अनुसार जिस रास्ते पर वह काफी आगे बढ़ चुकी हैं से बेहतर कोई और रास्ता हो भी नहीं सकता। जहां तक बेनजीर और हिना की तुलना की बात है तो दोनों में काफी कुछ समानताएं हैं भी। मसलन, बेनजीर को राजनीति विरासत में मिली थी और हिना को भी राजनीति विरासत में मिली हैं। बेनजीर किसी भी मुस्लिम देश की पहली महिला पीएम थी तो हिना पाकिस्तान की सबसे कम उम्र की विदेश मंत्री। बेनजीर की तरह हिना भी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बैनर तले पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रही हैं। हिना अगर ऐसा सोच भी रही हैं तो इसमें गलत क्या है। हालांकि पाकिस्तान की सियासत में हिना-बिलावल जैसे कई किस्से हैं, लेकिन हर किस्से अंजाम तक नहीं पहुंचते। लेकिन हिना-बिलावल का किस्सा जरूर कुछ गुल खिलाएगा। हिना रब्बानी खर राजनीतिक रूप से अति महत्वाकांक्षी महिला हैं और इसी अति महात्वाकांक्षा के चलते हिना अपने पति फिरोज, दोनों बेटियां और यहां तक कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सदस्यता तक को छोड़ने को तैयार हैं। वह जानती है कि अगर उसे बिलावल मिल गया तो एक न एक दिन पाकिस्तान की सियासत में उसे वो मुकाम जरूर हासिल हो जाएगा जिसके अरमान उसके दिल और दिमाग में गहरे तक रचा और बसा हुआ है।

First Published: Thursday, September 27, 2012, 16:38

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