यूपी चुनाव: वोटों की बरसात - Zee News हिंदी

यूपी चुनाव: वोटों की बरसात



बिमल कुमार

 

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अभी तक छह चरणों में मतदाताओं ने रिकार्ड वोटिंग का सिलसिला बरकरार रखा है। सूबे में भारी मतदान के प्रतिशत या संकेत ने सभी चुनाव विशेषज्ञों को खासा मुश्किल में डाल दिया है। साथ ही, सत्‍ता की दौड़ में लगे सभी प्रमुख राजनीतिक दल (कांग्रेस, भाजपा, बसपा, सपा) भी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि रिकार्ड वोटिंग का का नतीजा क्‍या निकलेगा।

 

यूं तो आमतौर पर भारी मतदान से आशय यह होता है कि लोग मौजूदा सरकार से आजिज आ चुके हैं और सत्‍ता मे बदलाव चाहते हैं। यह सही है कि आज का मतदाता ज्‍यादा जागरूक है। वहीं, निर्वाचन आयोग और मीडिया भी मतदान के प्रति लोगों को ज्‍यादा जागरूक कर रहा है। लेकिन यूपी में मतदाताओं की ज्‍यादा सक्रियता के कुछ अन्‍य कारण भी हो सकते हैं। इसके पीछे यह भी हो सकता है कि विकास के दौर में पीछे रह गए प्रदेश के लोग अपने लिए कुछ निर्णायक फैसला करना चाहते हों, इसलिए इस बार बड़ी संख्‍या में घरों से बाहर निकल कर रिकार्ड मतदान कर रहा है।

 

वर्ष 2007 के चुनाव में मायावती बहुमत के साथ सत्‍ता पर काबिज हुई थी, तबके हालात और आज के संदर्भ में बहुत फर्क है। पिछली बार तो मतदान प्रतिशत भी सामान्‍य रहा था। इस बार पहले चरण में खराब मौसम के बावजूद मतदाता पोलिंग बूथ पर उमड़ पड़े और खूब वोट डाले। यदि मौसम ने साथ दिया होता तो संभवत: इससे भी अधिक मतदान होता।

 

सूबे में छठे चरण में तो वर्ष 2007 के मुकाबले 14 फीसदी अधिक मतदान हुआ। इस चरण में 63 सीटों पर 60.08 फीसदी मतदान हुआ। यह वर्ष 2007 में हुए चुनाव के मुकाबले करीब 14 फीसदी अधिक है। छठे दौर का मतदान इसलिए भी खास रहा कि इस दौर में पहले और पांचवे चरण के बाद इस दौर में ही सबसे अधिक वोट पड़े। बता दें कि यूपी में पहले चरण में 60.10 प्रतिशत, दूसरे चरण में 55.60 प्रतिशत, तीसरे चरण में 57.22 प्रतिशत, चौथे चरण में 58.38 प्रतिशत, पांचवें चरण में 60.47 प्रतिशत वोटिंग हुई। इन सबके बीच युवाओं की मतदान के प्रति बढ़ती जागरूकता और उनकी भागीदारी को कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

 

चाहे गांव हो या शहर, हर जगह युवा मतदाता जमकर वोटिंग में हिस्‍सा ले रहे हैं। सूबे में अभी तक हुए मतदान में कुछ महानगरों के वोट प्रतिशत पर नजर डालें तो ऐसा प्रतीत होता है कि शहरी मतदाताओं के घर से बाहर निकलने से भी वोट प्रतिशत बढ़ा है। उत्‍तर प्रदेश के शहरी वोटर अपने आलस के खांचे से बाहर निकल रहे हैं और जमकर वोट डाल रहे हैं। सोलहवीं विस के चुनाव में चार चरणों के मतदान के बाद कुछ प्रमुख शहरी इलाकों में जो तस्‍वीर उभरी है, उसके आधार पर यही आकलन सामने आ रहा है। शहरी मतदाताओं की लोकतंत्र की इस सबसे अहम प्रक्रिया में भागीदारी उम्‍मीद जगा रही है कि बाकी बचे अन्‍य चरणों में भी यही सिलसिला जारी रहेगा। अभी तक के छह चरणों में महानगरों में मतदान प्रतिशत में जबरदस्‍त बढ़ोतरी हुई है। इस बात की तसदीक राज्‍य चुनाव अधिकारियों ने भी की है।

 

आंकड़ों पर नजर डालें तो लखनऊ शहर में जहां वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में 29.3 फीसदी और उसके दो साल बाद वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में 35.3 फीसदी मतदान हुआ, वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में 50.2 फीसदी मतदान हुआ। वहीं, इलाहाबाद शहर में वर्ष 2007 में 30.8 फीसदी जबकि वर्ष 2012 में 46.6 फीसदी मतदान हुआ है। वाराणसी शहर में पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 53.05 फीसदी मतदान हुआ। पांचवें चरण में कानपुर के सभी दस विधानसभा क्षेत्रों में पिछले चुनाव के मुकाबले मतदान प्रतिशत में औसतन दस प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में यह बढ़त करीब 14 प्रतिशत तक रही। वर्ष 2002 में कानपुर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 44.48 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2007 में यह प्रतिशत मामूली बढ़त के साथ 44.90 रहा, जबकि इस बार इसमें दस प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई और यह 54.96 प्रतिशत रहा।
वहीं, ग्रामीण वोटर अभी भी शहरी वोटरों की तुलना में ज्‍यादा जागरूक हैं। समग्र रूप से ग्रामीण मतदाता भी इस लोकपर्व में जमकर भाग ले रहे हैं। इसकी बानगी सभी चरणों  के लिए हुए मतदान में भी देखने को मिली है। बुंदलेखंड और मध्‍य यूपी के ग्रामीण मतदाताओं ने भारी उत्‍साह का परिचय दिया और कुल 59.20 प्रतिशत मतदान हुआ। तमाम मतदान केंद्रों पर वोट देने के लिए देर शाम तक बूथों पर लाइनें लगी हुई थी। जिसके चलते पांचवें चरण में पिछले चुनाव की अपेक्षा करीब 13 फीसदी अधिक मतदान हुआ। मतदाताओं की भारी भागीदारी इस बात का सबूत है कि इन जिलों में मतदान के प्रति पिछली बार की अपेक्षा अधिक जागरुकता और चेतना रही। चौथे चरण में भी 56 सीटों पर 57.20 फीसदी मतदान हुआ। यह वर्ष 2007 के चुनावों से करीब 15 फीसदी ज्‍यादा है। वहीं, सूबे में छठे चरण में 13 जिलों की 68 सीटों पर 60 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया गया, जोकि अब तक का रिकार्ड मतदान है। इस दौर में सबसे ज्‍यादा सहारनपुर में 64 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।

 

First Published: Wednesday, February 29, 2012, 22:43

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