रफ्तार का नया इतिहास लिखेगा इंडियन ग्रां प्री।Formula1

रफ्तार का नया इतिहास लिखेगा इंडियन ग्रां प्री

रफ्तार का नया इतिहास लिखेगा इंडियन ग्रां प्रीरामानुज सिंह

भारत में दूसरी बार रफ्तार का रोमांच फॉर्मूला वन की बिसात बिछ चुकी है। इस बार बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर रफ्तार का नया रिकॉर्ड बनेगा, क्योंकि सर्किट पर कई तरह का बदलाव किए गए हैं, साथ ही प्रतियोगी टीमों द्वारा रेस की विकसित तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा। फलस्वरुप इस बार पिछले साल बने 324.2 किलोमीटर प्रति घंटा के रिकॉर्ड के टूटने की प्रबल संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि 325 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार का रिकॉर्ड दर्ज होगा।

इस बार बुद्ध इंटरनेशन सर्किट के ट्रैक में कुछ टर्न को चौड़ा करने और धूल की समस्या को खत्म करने के बाद ट्रैक बहुत बेहतरीन नजर आ रहा है। इसी वजह से रेस में भाग लेने वाले प्रतिभागी टीमों के रेसर इस ट्रैक की तारीफ कर रहे हैं। फॉर्मूला वन के नामचीन रेसर माइकल शुमाकर ने कहा, यह दुनिया के बेहतरीन ट्रैकों में से एक है और काफी चुनौती पूर्ण है। रेस के आयोजन के पहले साल ही यह सर्किट खचाखच भरा था। जो अमूमन पहले ऐसा कभी देखने को नहीं मिला। इस बार भी उम्मीद है कि दर्शकों की भीड़ उमड़ेगी। ऑस्ट्रेलिया के बेबर ने कहा, मुझे इस ट्रैक पर काफी मजा आता है। यह ट्रैक कोरिया के ट्रैक से बहुत हद तक मिलता जुलता है। सेबेस्टियन बेट्टल ने कहा, यह रेसरों के लिए सबसे चुनौती पूर्ण सर्किट के रूप में उभरा है, मुझे पिछले साल का ट्रैक भी काफी पसंद आया था। भारत के रेसर नारायण कार्तिकेयन ने कहा, इस साल फिछले साल की तुलना में ट्रैक बेहतर है। न तो धूल है और न ही सर्किट के आस-पास कोई निर्माण कार्य हो रहा है।

फॉर्मला वन के दिग्ग्जों के बयान से लगता है कि इस बार मुकाबला बेहद रोमांचक ही नहीं बल्कि बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर इतिहास रचा जाएगा। इसलिए इस रोमांच के इतिहास का गवाह बनने के लिए हर खेल प्रेमी अपनी जुगत में लगे हुए हैं।

28 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा में देश की दूसरी फॉर्मूला वन रेस का फाइनल मुकाबला होने जा रहा है। भारत में इस रोमांच की शुरूआत पिछले ही साल 2011 में 30 अक्टूबर को हुई और सफल रहा। रेड बुल टीम के रेसर सेबेस्टियन वेट्टल (जर्मनी) पहले इंडियन ग्रां प्री के विजेता बने। 2011 में 12 टीमें रेड बुल, फेरारी, फोर्स इंडिया, मैक्लोरेन, मर्सिडीज, रेनॉल्ट, साउबेर, टोरो रोसो, वर्जिन, विलियम्स, हिस्पेनिया और टीम लोटस थीं। इस बार भी इन सभी टीमों के रेस में भाग लेने की संभावना है।

भारत में फॉर्मूला वन रेस शुरू करने में कई साल लग गए थे। यह रेस पहली बार 1997 में कोलकाता में आयोजित करने की योजना बनाई गई थी। पर इसके लिए 2003 में एक करार पर हस्ताक्षर हुआ। फलस्वरूप 2007 में हैदराबाद में यह रेस होना तय हुआ। फिर 2004 में मुंबई में कराने पर सहमति बनी लेकिन तंबाकू रोधी नियम और अन्य आपत्तियों के कारण इसे हरी झंडी नहीं मिल सकी। उसके बाद तात्कालीन भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी की कोशिशों के बाद 2009 में गुड़गांव में होना तय हुआ था। पर किसी कारणवश इसे ग्रेटर नोएडा शिफ्ट कर दिया गया। यहां भी रेस शुरू होने में एक साल की देरी हो गई। यह रेस 2010 में होनी थी पर इसका आयोजन 30 अक्टूबर 2011 को हुआ। इंडियन ग्रां प्री शुरू होने में भले ही देरी हुई हो, पर देर आए दुरूस्त आए। पहला आयोजन सफल होने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि इस बार का आयोजन इतिहास रचेगा।

बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में होने वाली दूसरी फॉर्मूला वन रेस के प्रतियोगियों के लिए जेपी ग्रींस में बेहतरीन इंतजाम किए गए हैं। इन टीमों के अधिकारियों और टीमों के सदस्यों के लिए जेपी ग्रींस और स्पा रिसॉर्ट में ठहरने की आलीशान व्यवस्था की गई है। इन रेसरों, उनके खास मित्रों और रिश्तेदारों के लिए एनसीआर और उसके आसपास के पर्यटन स्थलों के दर्शन कराने के लिए हेलीकॉप्टर की विशेष व्यवस्था की गई है।

फॉर्मूला वन का लगातार तीन खिताब जीत चुके सेबेस्टियन वेट्टल इंडियन ग्रां प्री में चौथा खिताब हासिल करनेके लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, इस जीत के लिए हम अपने सारे अनुभवों का पूरा इस्तेमाल करेंगे। दूसरी ओर कोरियाई फॉर्मूला वन रेस में वेट्टल से मात्र छह अंक पीछे रहने वाले अलोंसो ने कहा कि वह बढ़त पाने के लिए कुछ भी करेगा। बुद्ध सर्किट पर 2011 के विजेता सेबेस्टियन वेट्टल और अलोंसो के बीच गजब की कंपीटिशन देखने को मिलेगी। हालांकि इस रेस में माइकल शुमाकर, किम राइकोनेन, लुइस हेमिल्टन, मार्क वेबर, फिलिप मासा की अहम भूमिका रहेगी। भारतीय दर्शकों की खास नजर किंगफिशर के मालिक विजय माल्या की टीम फोर्स इंडिया पर भी रहेगी।

First Published: Saturday, October 27, 2012, 09:47

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