सचिन, संन्यास और बहस

सचिन, संन्यास और बहस

सचिन, संन्यास और बहसआलोक कुमार राव

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से वीवीएस लक्ष्मण की संन्यास की घोषणा अप्रत्याशित नहीं थी लेकिन हैरान करने वाला था। कमोबेश यह सबको पता था कि न्यूजीलैंड टेस्ट मैंचों की श्रृंखला के बाद वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं लेकिन उन्होंने श्रृंखला से ठीक पहले संन्यास की घोषणा कर सबको चौंका दिया।

‘फैब फोर’ के दो खिलाड़ियों (गांगुली, द्रविड़) की राह चुनने वाले लक्ष्मण के जाते-जाते ‘फैब फोर’ के चौथे खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के संन्यास के बारे में दबी जुबान में शुरू हुई चर्चा न्यूजीलैंड के साथ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला समाप्त होते ही मुखर हो गई।

यह पहली दफा नहीं है जब सचिन के संन्यास पर बहस शुरू हुई है, इसके पहले भी क्रिकेट के जानकार मास्टर ब्लास्टर को संन्यास लेने की सलाह दे चुके हैं जबकि सचिन अभी और क्रिकेट खेलने की संभावना जता अपने संन्यास की अटकलों को खारिज कर चुके हैं।

न्यूजीलैंड टेस्ट में सचिन के लचर प्रदर्शन और लगातार तीन पारियों में क्लीन बोल्ड होने से उनके आलोचकों को संन्यास की बात को तूल देने का एक और मौका मिल गया। पहली दो पारियों की तरह बेंगलुरू टेस्ट की दूसरी पारी में भी सचिन बोल्ड हुए। कमेंटरी के दौरान सुनील गावस्कर ने संजय मांजरेकर से कहा कि सचिन के फुटवर्क पर उनका उम्र हावी हो रहा है। गावस्कर की इस टिप्पणी के बाद सचिन के संन्यास पर बहसों का दौर शुरू हो गया।

यह पहली बार नहीं है जब सचिन लगातार तीन पारियों में बोल्ड हुए हैं, इसके पहले वर्ष 2002 में इंग्लैंड दौरे के समय भी सचिन लगातार तीन पारियों में क्लीन बोल्ड हुए थे। लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी पारी और नॉटिंघम टेस्ट की दोनों पारियों में उनका विकेट उखड़ गया था लेकिन ठीक इसके बाद सचिन ने लीड्स के मैदान में 193 और ओवल में 54 रनों की पारी खेल अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया।

यह भी जगजाहिर है कि सचिन के खेल को लेकर जब-जब आलोचना हुई है, तब-तब उन्होंने अपने बल्ले से रनों की बौछार कर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है। सवाल उठाए जाने पर वह चुप रहे लेकिन उनका बल्ला बोला। इस बार भी उन्होंने संकेत दिया है कि वह जवाब देंगे।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सचिन के संन्यास को लेकर पूर्व खिलाड़ियों में दो राय है। कपिल देव, इमरान खान और कुछ अन्य बड़े खिलाड़ियों का एक तबका मानता है कि सचिन को 2011 का विश्व कप जीतने के बाद वनडे से संन्यास ले लेना चाहिए था। जबकि मोहम्मद अजहरूद्दीन, श्रीकांत, मांजरेकर जैसे पूर्व खिलाड़ी संन्यास का फैसला सचिन पर छोड़ने के हक में हैं। कोच रमाकांत आचरेकर भी कह चुके हैं कि सचिन को अभी संन्यास नहीं लेना चाहिए।

39 वर्ष हो चुके सचिन अपने संन्यास के बारे में साफ कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि संन्यास लेने का अभी उनका कोई इरादा नहीं है। उन्होंने 45 की उम्र तक क्रिकेट खेलने का संकेत दिया है और 2015 विश्व कप खेलने की सम्भावना से इंकार नहीं किया है। सचिन ने कुछ समय पहले कहा था कि अब से पांच-छह साल बाद वह क्या करेंगे, उसका जवाब देना मुश्किल है।

संन्यास कब लेना है, इसे सचिन से बेहतर और कोई नहीं जान सकता। वह अपने बारे में सौ फीसदी फैसला करने में सक्षम हैं, किसी को उन्हें यह बताने की जरूरत नहीं है।

यह अलग बात है कि पिछली तीन पारियों में उनके एक तरह से आउट होने और उनके बल्ले की खामोशी को क्रिकेट के जानकार अलग रूप में देख रहे हैं।

सचिन ने टेस्ट में पिछला शतक जनवरी 2011 में केप टाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगाया था और इसके बाद वह दो बार नर्वस नाइंटीज के शिकार हुए। पिछले सात पारियों में वह अर्धशतक बनाने से भी चूके हैं।

यह सही है कि सचिन पिछले कुछ पारियों में उस तरह का प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं जैसा लोग उनसे उम्मीद करते हैं। साथ ही यह बात भी उतनी ही सच है कि सचिन जैसे महान खिलाड़ी का मूल्यांकन महज तीन पारियों के आधार पर नहीं किया जा सकता।

कुछ लोगों का मानना है कि युवा खिलाड़ियों को मौका देने के लिए वीवीएस लक्ष्मण ने जो दरियादिली दिखाई, कुछ वैसा ही सचिन को भी करना चाहिए ताकि आजिंक्य रहाणे जैसे उभरते खिलाड़ियों को मौका मिले।

आलोचक तो अपनी बात रखेंगे। सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। क्रिकेट को लेकर सचिन कितने संजीदा है यह बताने की जरूरत नहीं है। सचिन के बारे में आलोचना करने से पहले आलोचक यह भूल जाते हैं सचिन दुनिया में क्रिकेट जगत के इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जो शतकों का शतक जड़ने का कारनामा कर चुके हैं। उनके आसपास फिलहाल ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं दिखता जो उनके शतकों के शतक के थोड़ा करीब भी पहुंचता दिखता हो। सचिन अबतक वनडे में 49 शतक और टेस्ट में 51 शतक जड़कर यह बता चुके हैं कि वह क्रिकेट के सरताज क्यों हैं।

संन्यास का फैसला उन्हें ही करना है और यह उन्हीं पर छोड़ा जाना चाहिए। सचिन यदि कहते हैं कि उनमें अभी खेल बाकी है तो भरोसा करना चाहिए क्योंकि उनकी धमाकेदार वापसी से हम सभी वाकिफ हैं।








First Published: Friday, September 7, 2012, 18:42

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