Last Updated: Thursday, June 13, 2013, 16:16

बॉन: वैश्विक समुदाय अगर जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित मुद्दे पर कदम उठाने में असफल रहता है, तो वर्ष 2100 तक धरती चार डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हो जाएगी। क्लाइमेट एक्शन ट्रैकर की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है है कि उत्सर्जन की मौजूदा स्थिति और वर्तमान तथा प्रस्तावित नीतियों के असर से सम्बंधित अनुमानों से पता चलता है कि सन् 2100 तक वैश्विक तापमान में चार डिग्री सेल्सियस इजाफा हो सकता है, जो संकल्पों के पूर्ण अनुपालन के असर के मुकाबले काफी अधिक है।
संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित अंतरसरकारी समिति ने तापमान बढ़ने की प्रक्रिया को हर शताब्दी अधिकतम दो डिग्री के दायरे में सीमित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा और प्रस्तावित नीतियां ऐसी नहीं हैं कि विभिन्न देश इन संकल्पों को पूरा कर सकें और उत्सर्जन की मौजूदा स्थिति से लगता है कि उत्सर्जन का स्तर पहले जताए गए अनुमान से अधिक रह सकता है।
क्लाइमेट एक्शन ट्रैकर ने बॉन जलवायु सम्मेलन में जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि पिछले दशक में लगातार जीवाष्म ईंधन आधारित विकास से अनुमान लगाया जा सकता है कि तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि हो सकती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 13, 2013, 16:16