Last Updated: Tuesday, February 28, 2012, 04:43
लंदन : वैज्ञानिकों ने उस प्रोटीन की पहचान की है जो मोटर न्यूरॉन बीमारी के रूप में बच्चे में मांसपेशी को क्षतिग्रस्त करता है। इस निष्कर्ष पर वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे जल्द ही नई दवा बनाई जा सकती है जो क्षति को खत्म करने में मददगार साबित हो सकती है।
इस बीमारी को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी , एसएमए या ‘फ्लॉपी बेबी सिंड्रोम’ के नाम से जाना जाता है, जो बच्चों की मृत्यु का अग्रणी आनुवंशिक कारण है। यह 6000 जन्म लेने वाले बच्चों में से एक को प्रभावित करती है लेकिन सर्वाधिक गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों में से 50 फीसदी की दो साल की उम्र से पहले मृत्यु हो जाती है।
चूहों पर एक अध्ययन में ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के एक दल ने पाया कि एसएमए से ग्रस्त बच्चों की मांसपेशी एसएमएन नाम की प्रोटीन के कम स्तर से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जो आनुवंशिक उत्परिवर्तन से होती है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि उत्परिवर्तन मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति को बाधित करता है जिससे आगे और क्षति होती है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 28, 2012, 10:13