Last Updated: Wednesday, June 6, 2012, 17:27
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में बुधवार को एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखी गई। पृथ्वी के पड़ोसी शुक्र ग्रह को सूर्य के सामने से पारगमन करते देखा गया। इस दौरान शुक्र सूर्य पर काले धब्बे जैसा प्रतीत हो रहा था। इस दुर्लभ खगोलीय घटना का जीवन में एक बार ही साक्षी बना जा सकता है। अगला शुक्र पारगमन 105.5 साल बाद 2117 में होगा। पारगमन के दौरान शुक्र ग्रह सूर्य पर एक छोटी सी काली बिंदी के रूप में दिख रहा था। खगोलविद इस घटना का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
अब साल 2117 तक यह खगोलीय घटना दोबारा देखने को नहीं मिलेगी। दिल्ली में लोगों ने नेहरू तारामंडल में टेलिस्कोप व सोलर फिल्टर्स के जरिए यह नजारा देखा। वैज्ञानिकों के मुताबिक शुक्र पारगमन एक दुर्लभ घटना है। जब शुक्र व पृथ्वी सूर्य के साथ एक ही रेखा में होते हैं तब यह नजारा देखने को मिलता है। अन्य अवसरों पर शुक्र ग्रह सूर्य के ऊपर या नीचे से होकर गुजरता है क्योंकि दोनों की कक्षाएं एक-दूसरे से हल्के से कोण पर होती हैं।
चेन्नई में बिड़ला तारामंडल में सुबह से 5,000 से ज्यादा लोगों विभिन्न प्रकार के टेलिस्कोप्स के जरिए शुक्र पारगमन देखा। स्कूली बच्चों ने जहां इस नजारे का आनंद लिया तो वहीं मद्रास विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपना अनुसंधान किया।
तटीय व दक्षिणी कर्नाटक में दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने से शुक्र पारगमन के दौरान बादलों की लुका-छुपी चलती रही। वैसे उत्तरी क्षेत्रों में आकाश साफ होने से यह खगोलीय घटना एकदम स्पष्ट देखी जा सकी। बेंगलुरू में शुरुआत में तो बादल छाए होने की वजह से इस नजारे को देखने का इंतजार कर रहे लोग निराश होने लगे थे लेकिन बाद में आकाश साफ होने से इसे देखा जा सका।
विज्ञान की लोकप्रियता के लिए काम करने वाले अखिल भारतीय गैर-लाभकारी संगठन भारत ज्ञान विज्ञान समिति (बीजीवीएस) ने बेंगलुरू के स्कूलों, कॉलेजों, खेल के मैदानों व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए), जवाहरलाल तारामंडल व लालबाग वनस्पति उद्यान में शुक्र पारगमन देखने के विशेष इंतजाम किए थे।
केरल में शुक्र पारगमन की अद्भुत व दुर्लभ खगोलीय घटना को देखने के लिए इकट्ठे हुए लोगों को उस वक्त काफी निराशा हुई जब मानसूनी बारिश ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया। सैकड़ों स्कूली बच्चों को सूर्य के सामने से शुक्र पारगमन की घटना देखे बिना ही लौट जाना पड़ा।
यह नजारा चीन के शंघाई में सबसे लम्बे समय के लिए देखा गया। ग्रहों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए काम करने वाला एक संगठन साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्युनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (स्पेस) इस खगोलीय घटना को देखने के लिए 50 छात्रों के साथ शंघाई के लिए रवाना हुआ था। अगला शुक्र पारगमन 105.5 साल बाद 2117 में होगा। अंतिम शुक्र पारगमन आठ जून, 2004 को हुआ था और पूरे भारत में दिखा था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 6, 2012, 17:27