Last Updated: Sunday, October 16, 2011, 10:43
नई दिल्ली : इंटरनेट पर शोध कर रहे विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाला दौर ‘इंप्लिसिट वेब’ या परोक्ष इंटरनेट का होगा। इसमें इंटरनेट का उपयोग करने वालों को छोटी से छोटी बातों को रिकार्ड कर एक ऐसा डाटा बेस तैयार किया जाएगा, जो उनके द्वारा मोबाइल फोन, स्मार्ट फोन या जीपीएस जैसे किसी भी उपकरण से इंटरनेट का उपयोग करते समय सहायक सिद्ध होगा।
इस नई तकनीक में हम जो साइट लगातार देखते हैं या जिस साइट पर जितना समय बिताते हैं जैसी छोटी छोटी बातें रिकार्ड हो जाती हैं और उसके बाद जब हम इंटरनेट का उपयोग करेंगे तो हमारी जरूरत के अनुरूप जानकारी हमें आसानी से मिल जाऐंगी। इसी पद्धति को वैज्ञानिकों ने ‘इंप्लिसिट वेब’ या परोक्ष इंटरनेट का नाम दिया है।
हाल ही में वारशेस्टर तकनीकी संस्थान में हुए शोध में इंटरनेट पर लोगों के व्यवहार का अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि उनकी पसंद-नापसंद और उनके किसी खास विषय पर की गई खोज की जानकारी के लिये एक तकनीक तैयार की जा सकती है। इसी जरूरत को पूरा करने के लिये इंप्लिसिट वेब तकनीक इजाद की गई है। इंटरनेट मामलों के विशेषज्ञों ने बताया कि आने वाले दौर में इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ डेस्कटॉप या लैपटॉप तक ही सीमित नहीं रहेगा। मोबाइल, स्मार्टफोन और अन्य उपकरणों से एक ही व्यक्ति के अलग अलग जगह से इंटरनेट प्रयोग की प्रवृत्ति बढ़ेगी। इसलिये इंप्लिसिट वेब तकनीक विकसित होने से किसी भी उपकरण से एकीकृत ढंग से इंटरनेट प्रयोग आसान हो जाएगा।
दरअसल ‘इंप्लिसिट वेब’ भी क्लाउड कम्प्यूटिंग पर आधारित तकनीक है। इसमें किसी भी यूजर को कम्प्यूटर पर किसी भी सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा लोड करने की आवश्यकता नहीं होती। ये सभी इंटरनेट के माध्यम से आवश्यकता पड़ने पर तुरंत उपलब्ध हो जाते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई में इस विषय पर काम कर रहे शोधार्थियों ने बताया कि ‘इंप्लिसिट वेब’ ही इंटरनेट को और सहज और सुविधाजनक बना देगा फिर भी इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिये आवश्यकता होगी कारगर और सस्ती इंटरनेट सेवा की। इस तकनीक की मदद से ही जीपीएस के जरिये किसी जगह को ढूंढने पर उसके बारे में संक्षिप्त जानकारी भी उपलब्ध हो सकेगी।
फिलहाल इस्तेमाल किए जाने वाले जीपीएस उपकरण यूजर की पसंद-नापसंद को नजर अंदाज कर सभी विकल्पों को एक ही महत्व देते हैं लेकिन इम्पिलिसिट वेब तकनीक के आकार लेने के बाद यूजर की पसंद और आवश्यकता को व्यवस्थित किया जा सकेगा।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 16, 2011, 16:19