Last Updated: Monday, May 14, 2012, 14:41
वाशिंगटन : ऐसे लोग जिनकी आंखों को काम के दौरान अक्सर तेज रोशनी का सामना करना पड़ता है, उनके लिए अच्छी खबर है। ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं का दावा है कि निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों, मछुआरों, वेल्डरों और अभिनेताओं की आंखों को अगर पहले से ही इंफ्रारेड प्रकाश से उपचार कर दिया जाए तो उनकी आंखों पर किसी दूसरी तेज या कृत्रिम रोशनी का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
ऑस्ट्रेलिया के विजन सेंटर में शोधकर्ताओं के एक दल ने पाया कि आंखों को धीमे इंफ्रारेड प्रकाश से उपचारित करवा कर किसी अन्य तेज रोशनी से आंखों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। अपने शोध में शोधकर्ताओं ने दिखाया कि इंफ्रारेड प्रकाश आंख के रेटिना पर एक पतली सी झिल्ली (टिशु) को बनने से रोक देता है। यह टिशु बनने पर आंख की रोशनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
दरअसल हमारी आंखों की रोशनी के लिए कोशिकाओं का एक समूह जिम्मेदार है। म्यूलर कोशिकाएं कहलाने वाली ये कोशिकाएं रेटिना से कचरा हटाकर उसकी सुरक्षा करती हैं। कभी आंख में कोई घाव हो जाने पर उसे ठीक करने के लिए भी ये दृष्टि कोशिकाएं ही काम करती हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 14, 2012, 20:11