Last Updated: Tuesday, December 13, 2011, 07:08
मेलबर्न : आमतौर पर माना जाता है कि कंप्यूटर और मोबाइल से लोगों की नींद प्रभावित होती है लेकिन शोधकर्ताओं ने इस धारणा को खारिज कर दिया है।
‘मेलबर्न जर्नल ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ में प्रकाशित एक शोध में सिडनी विश्वविद्यालय के दल ने लोगों से यह आम धारणा को तोड़ने की अपील है जिसमें वे मानते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई नागरिक एक दशक पहले की तुलना में करीब एक घंटा कम सोते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के सांख्यिकी ब्यूरो के 1992, 1997 और 2006 आकड़ों के अध्ययन से उन्होंने पाया कि औसत वयस्क व्यक्ति 1992 में आठ घंटे, 20 मिनट, 1997 में आठ घंटे 33 मिनट और 2006 में आठ घंटे 30 मिनट सोते थे। सप्ताहांत और विभिन्न मौसम के आंकड़ों के अध्ययन से शोधकर्ताओं ने पाया कि 1992 और 2006 के बीच उनकी औसत नींद में कोई खास बदलाव नहीं आया।
सिवाय 65 वर्ष और इससे अधिक के लोग को छोड़कर जो 1992 की तुलना में 12 मिनट कम सोए। साथ ही जिन लोगों की कोई आमदनी नहीं थी वे 17 मिनट और देखभाल करने वाले पुरुष 1992 की तुलना में 31 मिनट कम सोए। कुल मिलाकर यह परिणाम सकारात्मक थे। इसके मुताबिक कम नींद हृदय रोग, मोटापे और मानसिक समस्याओं सहित कई स्वास्थ्य परेशानियों का कारण बन सकती है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 13, 2011, 12:44