Last Updated: Saturday, April 27, 2013, 19:31

वाशिंगटन : जीव विज्ञानियों और भौतिक विज्ञानियों ने अपने अध्ययन के आधार पर कहा है कि गांठ से अलग हो चुकी कोशिकाएं नॉन-मैलिगनेंट (जो घातक नहीं हो) कोशिकाओं से अधिक खतरनाक होती हैं।
नॉन-मैलिगनेंट कोशिकाएं ऐसी कैंसर कोशिकाएं हैं, जो एक जगह पर ही गांठ बनाकर रहती हैं और आसपास की कोशिकाओं को तेजी से प्रभावित नहीं करती हैं। इसका आम तौर पर बहुत धीमी गति से प्रसार होता है और इसे घातक कैंसर नहीं माना जाता है।
अमेरिका में हुए अध्ययन के मुताबिक गांठ से अलग होकर इधर-उधर पहुंच जाने वाली कोशिकाएं अधिक आक्रामक होती हैं।
शोध पत्रिका `साइंटिफिक रिपोर्ट्स` के मुताबिक कोशिकाओं के गैर-घातक से प्रसार (मेटास्टैटिक) अवस्था में पहुंचने की प्रक्रिया को समझने में शोधार्थी एक कदम और आगे पहुंचे हैं। अभी तक इस प्रक्रिया को पूरी तरह समझा नहीं जा सका है।
अध्ययन के मुताबिक दोनों ही अवस्था में कोशिकाओं में अंतरों से एक दिन कैंसर कोशिकाओं का जल्दी पता लगाना सम्भव हो सकता है और मेटास्टैटिक कैंसर से बचाव या उसका इलाज सम्भव हो सकता है, जो कैंसर से सम्बंधित 90 फीसदी मौतों का कारण बनता है।
अध्ययन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट ने कराया था, जिसे 12 सरकारी फिजिकल साइंसेज-ओंकोलॉजी केंद्रों के एक नेटवर्क ने अंजाम दिया। (एजेंसी)
First Published: Saturday, April 27, 2013, 19:31