किसी जासूस से कम नहीं होती हैं डॉल्फिन!

किसी जासूस से कम नहीं होती हैं डॉल्फिन!

किसी जासूस से कम नहीं होती हैं डॉल्फिन!
वाशिंगटन : डॉल्फिनें हर पल इतनी चौकस रहती हैं कि उन्हें किसी जासूस से कम नहीं माना जा सकता। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि डॉल्फिनों के सोते समय उनके मस्तिष्क का सिर्फ आधा हिस्सा ही सोता है जबकि शेष आधा हिस्सा सचेत अवस्था में रहता है। ऐसा वे लगातार 15 दिन तक कर सकती हैं।

नेशनल मरीन मैमल फाउंडेशन के शोधकर्ता ब्रियान ब्रैनस्टेटर ने पाया कि डॉल्फिनें लगातार 15 दिन तक अपने आसपास के वातावरण के बारे में जागरूक रह सकती हैं। ये अपने लक्ष्यों को पहचान सकती हैं और अपने पर्यावरण पर नजर रख सकती हैं।

शोधकर्ताओं ने दो डॉल्फिनों का अध्ययन किया था। इनमें एक नर और एक मादा थी। उन्होंने पाया कि पांच दिनों तक ये दोनांे बिना किसी थकान के इस काम को कर रहे थे। मादा डॉल्फिन 15 दिन तक अतिरिक्त कार्य कर सकी। हालांकि इस बात का अध्ययन नहीं किया गया कि वे कितने लंबे समय तक यह कर सकी।

ऐसा माना जा रहा है कि आधे मस्तिष्क के साथ सोने की प्रकृति डॉल्फिनों में विकसित हुई होगी ताकि वे सोने के दौरान भी पानी की सतह पर सांस ले सकें। इस शोध का यह भी मानना है कि सतर्क रहने की जरूरत के चलते इस तरह के सोने के व्यवहार का विकास हुआ होगा। यह शोध पत्रिका ‘प्लोस वन’ में प्रकाशित हुआ है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 18, 2012, 21:27

comments powered by Disqus