Last Updated: Thursday, June 21, 2012, 23:48
उज्जैन : यहां गुरुवार को एक क्षण ऐसा आया जब परछाई ही गायब हो गई। यह नजारा देख लोग अचरज में पड़ गए। यह खगोलीय घटना के चलते हुआ। इस खगोलीय घटना को देखने के लिए लिए मध्य प्रदेश के उज्जैन की जीवाजी वेधशाला में विशेष इंतजाम किए गए थे।
बताया गया है कि 21 जून को पृथ्वी के परिभ्रमण की गति कुछ इस तरह बनती है कि वह कर्क रेखा पर लम्बवत हो जाती है, जिससे कर्क रेखा पर स्थित सभी स्थानों पर परछाई गायब हो जाती है। उज्जैन में परछाई गायब होने की स्थिति 12 बजकर 28 मिनट पर बनी। वेधशाला में इस खगोलीय घटना को शंकुयंत्र के माध्यम से स्पष्ट रूप से देखा गया। ठीक 12 बजकर 28 मिनट पर शंकु की परछाई गायब हो गई।
शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डा. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि परिभ्रमण की स्थिति में सूर्य 21 जून को 23 डिग्री 26 अंश उत्तरी गोलार्ध की कर्क रेखा पर तथा 22 दिसम्बर को 23 डिग्री 26 अंश दक्षिणी गोलार्ध की मकर रेखा पर होता है। इसी तरह 21 मार्च व 23 सितम्बर को वह विषुवत रेखा पर होता है।
गुप्त ने बताया कि 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है। इस दिन सूर्योदय पांच बजकर 42 मिनट पर तथा सूर्यास्त सात बजकर 16 मिनट पर हुआ। इस प्रकार उज्जैन में 21 जून को दिन 13 घंटे 34 मिनट का तथा रात 10 घंटे 26 मिनट की होगी। 21 जून के बाद सूर्य दक्षिण की ओर बढ़ना शुरू कर देता है, जिसे दक्षिणायन कहते हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 21, 2012, 23:48